असीम शुभकामनाओं के संग चतुर्थ वार्षिकोत्सव व सोलहवें हाइकु दिवस की हार्दिक बधाई
नभ में सिक्का/उछला सिक्का–
पुनः श्रम ही आया
उसके हिस्से।
5 बेहद महत्त्वपूर्ण अंक..

अन्तर्कथा “ख़ुद से ख़ुद को पुनः क़ैद कर लेना कैसा लग रहा है?” “माँ! क्या आप भी जले पर नमक छिड़कने आई हैं?” “तो और क्या करूँ? दोषी होते हुए भ...
बधाई व शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteहाइकु दिवस की बधाई हो।
ReplyDeleteबधाई
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