"आज पुनः वर्चुअल कार्यक्रम में मेरे ऑफिस की ओर से स्वयं के बनाये ब्रेड से घर बनाने की प्रतियोगिता रखी गयी थी माँ। छोटे-छोटे बच्चों द्वारा किये कार्यों से मैं अचंभित रह गयी।" माया विस्फारित आँखों के संग कहा।
"इस देश में ही सम्भव है बच्चों द्वारा अचम्भित करने योग्य कार्य किया जाना। स्वालम्बी बनाने को हम अपने से दूर करना समझ रहे थे।" माया की माँ ने कहा।
"हाँ माँ! एरोन मोरेनो की ही कहानी पर कौन विश्वास करेगा। एक तरफ कम्पनी बन्द होने आर्थिक दृष्टि से कमजोर पड़ने पर कई लोगों ने आत्महत्या कर ली तो आठ वर्षीय एरोन मोरेनो ने अपनी माँ के संग परिवार का कायाकल्प बदल दिया।" माया ने कहा।
"अरे वाहः जरा विस्तार से पूरी कहानी बताओ," माया की माँ ने कहा।
"वैश्विक आपदा का शिकार एरोन मोरेनो के पिता हो गए। पिता के खोने के बाद एरोन मोरेनो की माँ इस स्थिति में नहीं थी कि वे जिस मकान में रह रहे थे उसका किराया दे सकें और भोजन की व्यवस्था कर सके। कैलिफोर्निया जैसे राज्य में रहने का भुगतान करना था । कुछ ही दिनों में एक समय ऐसा आया उस परिवार के सामने कि घर में बस बारह डॉलर थे और कुछ गमलों में नवजात पौधे।
एरोन मोरेनो की माँ के एक परिचित ने अपने घर में बने सेड में रहने का आश्रय दे दिया। एरोन मोरेनो को Hot Cheetos with cheese खाने की इच्छा होती थी लेकिन उसके लिए वह अपनी माँ को तंग करना नहीं चाहता था इसके लिए उसने गमले में लगे पौधों को बेचना शुरू किया।
Hot Cheetos with cheese खरीदने से ज्यादा उसे पैसे मिलने लगे तो उसने और पौधों को बेचने की व्यवस्था करता रहा और कुछ महीनों में उसे GoFundMe से उसे इकतीस हजार डॉलर लोन मिल गया।
इस श्रम से सड़क पर आया परिवार छ महीने में ही पुनः नए मकान में रहने और नयी गाड़ी में घूमने लगा।" माया ने कहा।
"इसमें सहायता एरोन मोरेनो की माँ को मिली नौकरी ने भी किया।" माया के पति ने कहा।
"उबारा तो 'एरोन मोरेनो गार्डन' ही न..!" माया ने कहा।
"अकेला चना...," मिश्रित आवाज गूँज गयी।
वाह!!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रेरक लघुकथा ब्रेड प्रतियोगिता की सुन्दर तस्वीरों के साथ...।
लाजवाब
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 3.12.2020 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
सुंदर व प्रेरक।
ReplyDeleteइस प्रेरणादायी सृजन हेतु बधाई 🙏💐🙏
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार ४ दिसंबर २०२० के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
बहुत ही सुन्दर व प्रेरणादायी लघुकथा लिखी है आपने - - जो अपना प्रभाव छोड़ जाती है।
ReplyDeleteइस प्रेरक कथा ने बहुतों का ध्यान खींचा होगा, मुझे बहुत अच्छा लगा यहां आकर..
ReplyDeleteरचनाओं की इस गली में घूमना सुकून दायक है।
सादर
जीजिविषा ऐसी हो तो ऐसा होना ही है ।
ReplyDeleteसुंदर।
ReplyDeleteसुन्दर और सारगर्भित एवं प्रेरक रचना...।
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