बहुत अकुलाता है मन
हम बस एक कदम की दूरी पर है
नूतन वर्ष की प्रतीक्षा में
हम बदल पाए बेटियों की दुर्दशा
शिक्षित बहू की हत्या
मात्र पन्द्रह दिनों में...
हम मिटा पाए समाज से भ्रष्टाचार
हम मिटा लिए अशिक्षा
हम अपने राज्य से पलायन रोक लिए
हम हर घर के लिए
चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कर लिए
तारीख और दिन बदल जाएंगे
जंग तो जारी है
तैयारी अभी अधूरी है
बहुत सी कमियों के बाद भी मुस्कुराते हुए
नूतन दिवस की शुभकामनाओं के संग
प्रतीक्षा
नए सूरज की
इन्द्रधनुष सभी के लिए
सार्थक रचना।
ReplyDeleteआने वाले नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
नूतन वर्ष मंगलमय हो ।
ReplyDeleteहम बदल पाए बेटियों की दुर्दशा
ReplyDeleteशिक्षित बहू की हत्या
मात्र पन्द्रह दिनों में...
हम मिटा पाए समाज से भ्रष्टाचार
हम मिटा लिए अशिक्षा
हम अपने राज्य से पलायन रोक लिए
हम हर घर के लिए
चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कर लिए
सही कहा हम स्वयं क्या कर पाये....
बहुत सुंदर सटीक एवं सार्थक सृजन
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 31.12.2020 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी
ReplyDeleteधन्यवाद
शुभ हो नया साल। सुन्दर सृजन
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" (1994...दुनिया के पूर्वी छोर न्यूज़ीलैंड से नव वर्ष का आरंभ होता है...) पर गुरुवार 31 दिसंबर 2020 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
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ReplyDeleteबहुत ही सुंदर सृजन दी ,आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
सुन्दर सृजन - - नूतन वर्ष की असीम शुभकामनाएं।
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