1
वीर हँसते
जिन्दगी ज्यूँ छेड़ती
भीरु रो लेते ।
2
वसंत शोर
रवि-स्वर्णाभा-होड़
पीले गुच्छों से।
3
असार स्वप्न
भस्म हुई उम्मीदें
धुँआ जिन्दगी ।
4
दुःख व हंसी
जिंदगी की सौगातें
रूप सिक्के के ।
5
पद के मद
आंगन में दीवारें
घर कलह।
6
घर कलह
बरसे रिश्तों पर
बेमौसम सा।
7
वीर हँसते
जिन्दगी ज्यूँ छेड़ती
भीरु रो लेते ।
2
वसंत शोर
रवि-स्वर्णाभा-होड़
पीले गुच्छों से।
3
असार स्वप्न
भस्म हुई उम्मीदें
धुँआ जिन्दगी ।
4
दुःख व हंसी
जिंदगी की सौगातें
रूप सिक्के के ।
5
पद के मद
आंगन में दीवारें
घर कलह।
6
घर कलह
बरसे रिश्तों पर
बेमौसम सा।
7
अँक हो तंग
मिटे जलन जंग
स्नेह बौछारें ।
8
मेघों की टोली
लाये रंगीन डोली
महके बौर
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