Monday 7 December 2015

सपना











एक आयोजन सफल हुआ कि आँखें फिर नई संजो लेती है

रवीन्द्रनाथ टैगोर जी ने सन् 1916 में पहली बार हाइकु की चर्चा किये थे
उस हिसाब से 2016 हाइकु शताब्दी वर्ष है
तो
क्यों न हम 100 हाइकुकार इक किताब में सहयोगाधार पर शामिल हो , विमोचन पर एकत्रित हो यादगार आयोजनोत्सव मनायें
जो शामिल होना चाहें
स्वागत है

सुनामी

“ सुना है तुम बेहद क्रोधित हो…! समझा करो मोटा अर्थ के असामी के नख़रे उठाने ही पड़ते हैं…!”  “समय के पहले से उपस्थित साहित्यकार, राजनीति के न...