Friday 31 December 2021

'छँटा धुन्ध'

"जानते थे न कि बड़े भैया से गुनाह हुआ था? अपने चार मित्रों के साथ मिलकर भादो के कृष्णपक्ष सा जीवन बना दिया पड़ोस में रहने वाली काली दी का। काली दी अपने नाम के अनुरूप ही रूप पायी थीं..।"

"इस बात को गुजरे लगभग पचास साल हो गए..,"

"जानते थे न कि मझले भैया जिस दम्पत्ति पर रिश्वत लेकर नौकरी देने का आरोप लगवा रहे हैं वो दम्पत्ति उस तारीख पर उस शहर में क्या उस राज्य में नहीं थे। मझले भैया जी जान से बहन-बहनोई मानते थे उस दम्पत्ति को। बस बहनोई की तरक्की उनसे बर्दाश्त नहीं हो पायी?"

"उस बात को गुजरे सोलह साल गुजर गए। अब तो दोनों भैया भी मोक्ष पा गए।"

"आज बड़े भैया की तरह उनका भतीजा वही कृत्य दोहराकर तुझे अपना वकील बनाया है.."

"सुन मेरी आत्मा! मुझे प्रायश्चित करने का मौका मिला है.."

Friday 24 December 2021

हाइकु

मिलनोत्सव

कुल्फी व मोमबत्ती

दोनों पिघले!

रेत से हटे

स्वचित्र की लहरें-

सन्धिप्रकाश

लो

मारू

वैवर्त

गुणधर्म

अति में गर्त

ना प्यार में शर्त

जल स्त्री संरचना

हाँ

हर्ता

शर्वाय

जलवाहिनी

सिंधु की सत्ता

भू स्त्री व लंकारि

भूले न स्व महत्ता

Friday 17 December 2021

कवच

"क्षोभमण्डल गुरु-शिष्य की अतुलनीय जोड़ी मंच पर शोभायमान हो रही है।" सञ्चालक महोदय ने घोषणा की

"दोनों शब्दों के जादूगर साहित्य जगत के सिरमौर। बेबाकी से आलोचना करने में सिद्धस्त। दोनों एक दूसरे के घटाटोप प्रशंसक।"

"दोनों कूटनीतिज्ञ अन्य के तिजोरी से हाथ सफाई दिखलाकर अपने सृजन का सिक्का जमाने में सफल।"

"समरथ को नहीं..." हर बार दर्शक दीर्घा में अण्डा और टमाटर गप्प करते तथा मायूस रह जाते..।

ऐसी बातें यथार्थ नहीं है लेकिन सत्य है। ऐसा सत्य जो अनेक सृजक को अवसाद में जाने के लिए विवश करता। और हम कन्धें को उचकाते हुए मौन रह जाते हैं।

'हमें क्या फर्क पड़ता है..,' –क्या वास्तव में हमें फर्क नहीं पड़ता है?

★◆★

Tuesday 7 December 2021

नरक


"क्या तुमलोगों का राजगीर यात्रा में वहाँ के गरम जल कुण्ड में स्नान हुआ ?"

"बस्तर/छतीसगढ़ इलाके में चूना पत्थर से बनी कुटुमसर गुफाओं की मछलियाँ सी हम नहीं हो सके..,

Thursday 2 December 2021

प्रलय

 [01/12, 9:29 pm]: मेरा कुत्ता अपने अंत समय में आ गया है 15 साल का साथ छूटने वाला है

[01/12, 9:59 pm]: सब घर में रो रहे हैं

[01/12, 10:00 pm]: हम लोग सोच रहे हैं कल उसे इच्छा मृत्यु दे दिया जाये

[01/12, 10:54 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: स्वाभाविक है... लेकिन यह कैसे सम्भव है ?

[01/12, 10:55 pm] : भारत में पालतू जानवरों के साथ यह करने की इजाजत सरकार देती है

[01/12, 10:56 pm] : जब आपका पालतू पशु बेड पकड़ ले और खाना पानी त्याग दे। तब वह कष्ट असहनीय हो जाता है उस पशु के लिए और उस घर के लोगों के लिए: तब समय आता है यह कड़ा कदम उठाने का

[01/12, 10:57 pm]: उस समय एक कागज बनता है जिसमें लिखा होता है मैं अपने पालतू पशु को बिना दर्द के उसे एक अच्छी मुक्ति दे रहा हूँ : उसके बाद डॉक्टर इंजेक्शन देते हैं और वह पशु 5 से 6 मिनट में चला जाता है

[01/12, 10:58 pm] : हमेशा के लिए

[01/12, 10:58 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: बेहद दर्दनाक है

[01/12, 10:58 pm]: इस कागज़ में घर के सभी सदस्यों को हस्ताक्षर करने होते हैं.…: दर्दनाक नहीं है माँ : काफी आरामदायक है उस कष्ट से जो वह झेल रहा है

[01/12, 10:59 pm]: Lungs खराब हो चुका है, हार्ट कमजोर पड़ रहा है

[01/12, 10:59 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: मैं पहली बार जान रही हूँ.. मेरे घर में गाय बैल पाला जाता रहा है

[01/12, 10:59 pm]: किडनी काम कम कर रहा है

[01/12, 11:00 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: मुक्त कर दो

लेकिन दर्द तो है

[01/12, 11:00 pm]: रोज़ रात को अटैक आता है : अटैक के वक़्त पलट के किसी को देखते रहती है.. शायद उसे कुछ दिखता होगा

[01/12, 11:03 pm]: यह सोचकर ही हिम्मत जवाब दे जाता है

[01/12, 11:05 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: मैंने कभी देखा जाना नहीं तो कल्पना करने में रौंगटे खड़े हो रहे हैं.. ऐसा भी होता है..!

[01/12, 11:08 pm]: इसके बारे में घर मे मैंने ही सबको बताया है

[01/12, 11:09 pm] : जबकि बचपन से उसे सब *मेरी बेटी है* कहा करते थे: और मैं ही उसके लिए इतना बड़ा फैसला ले रहा हूँ

[01/12, 11:18 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: तुम्हारी भावनाओं को समझने में अभी असमर्थता है..

दुर्वह

“पहले सिर्फ झाड़ू-पोछा करती थी तो महीने में दो-चार दिन नागा कर लिया करती थी। अब अधिकतर घरों में खाना बनाने का भी हो गया है तो..” सहायिका ने ...