[01/12, 9:29 pm]: मेरा कुत्ता अपने अंत समय में आ गया है 15 साल का साथ छूटने वाला है
[01/12, 9:59 pm]: सब घर में रो रहे हैं
[01/12, 10:00 pm]: हम लोग सोच रहे हैं कल उसे इच्छा मृत्यु दे दिया जाये
[01/12, 10:54 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: स्वाभाविक है... लेकिन यह कैसे सम्भव है ?
[01/12, 10:55 pm] : भारत में पालतू जानवरों के साथ यह करने की इजाजत सरकार देती है
[01/12, 10:56 pm] : जब आपका पालतू पशु बेड पकड़ ले और खाना पानी त्याग दे। तब वह कष्ट असहनीय हो जाता है उस पशु के लिए और उस घर के लोगों के लिए: तब समय आता है यह कड़ा कदम उठाने का
[01/12, 10:57 pm]: उस समय एक कागज बनता है जिसमें लिखा होता है मैं अपने पालतू पशु को बिना दर्द के उसे एक अच्छी मुक्ति दे रहा हूँ : उसके बाद डॉक्टर इंजेक्शन देते हैं और वह पशु 5 से 6 मिनट में चला जाता है
[01/12, 10:58 pm] : हमेशा के लिए
[01/12, 10:58 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: बेहद दर्दनाक है
[01/12, 10:58 pm]: इस कागज़ में घर के सभी सदस्यों को हस्ताक्षर करने होते हैं.…: दर्दनाक नहीं है माँ : काफी आरामदायक है उस कष्ट से जो वह झेल रहा है
[01/12, 10:59 pm]: Lungs खराब हो चुका है, हार्ट कमजोर पड़ रहा है
[01/12, 10:59 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: मैं पहली बार जान रही हूँ.. मेरे घर में गाय बैल पाला जाता रहा है
[01/12, 10:59 pm]: किडनी काम कम कर रहा है
[01/12, 11:00 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: मुक्त कर दो
लेकिन दर्द तो है
[01/12, 11:00 pm]: रोज़ रात को अटैक आता है : अटैक के वक़्त पलट के किसी को देखते रहती है.. शायद उसे कुछ दिखता होगा
[01/12, 11:03 pm]: यह सोचकर ही हिम्मत जवाब दे जाता है
[01/12, 11:05 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: मैंने कभी देखा जाना नहीं तो कल्पना करने में रौंगटे खड़े हो रहे हैं.. ऐसा भी होता है..!
[01/12, 11:08 pm]: इसके बारे में घर मे मैंने ही सबको बताया है
[01/12, 11:09 pm] : जबकि बचपन से उसे सब *मेरी बेटी है* कहा करते थे: और मैं ही उसके लिए इतना बड़ा फैसला ले रहा हूँ
[01/12, 11:18 pm] विभा रानी श्रीवास्तव: तुम्हारी भावनाओं को समझने में अभी असमर्थता है..
ReplyDeleteसादर नमन दीदी
वाजिब हो सो किया जाए
व्यर्थ प्रश्नोत्तर की आवश्यकता नहीं न है
अग्रहण गुरुवार सुबह 06.08
सादर
10:58PM,10:59PM,तथा11:09PM वाली पंक्तिया एक दूसरे का विरोध करती हैं,
ReplyDeleteभावनाओ का सागर उड़ेल दिया है आपने अद्भुत,
समझ सकते हैं जिनके परिवार के सदस्य जानवर भी होते हैं
ReplyDeleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(०३-१२ -२०२१) को
'चल जिंदगी तुझको चलना ही होगा'(चर्चा अंक-४२६७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
इच्छा मृत्यु !
ReplyDeleteउफ्फ !!
बहुत ही मार्मिक ....
इच्छा मृत्यु सुन कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं!
ReplyDeleteबहुत ही मार्मिक......