पिरामिड जनक : आदरणीय भाई श्री Suresh Pal Verma Jasala जी
***शीर्षक = प्रदत्त चित्र "अहोई/अहोई माता" पर सृजन
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औ
जथा(धन)
अवृथा
साम्यावस्था
अजहत्स्वार्था
मिट जाए व्यथा
माता अहोई कथा।{01.}
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धा
पर्धा
अभिधा
अनहोनी
पुत्रोम्र छीजे
माता आँख मूंदे
अहोई अवमानी।{02.}
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आपके लिये भी मंगलकामनाएं।
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 07 नवंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteसस्नेहाशीष व असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार छोटी बहना
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (08-11-2020) को "अहोई अष्टमी की शुभकामनाएँ!" (चर्चा अंक- 3879) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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वन्दन संग हार्दिक आभार आपका आदरणीय
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteशुभकामनाएँ
बहुत सुंदर दी।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनाएँ।
शुभकामनाओं सह।
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