Tuesday 20 December 2011

मेरा नशा.... ?

न तो मैं कवियत्री हूँ और न लेखिका |मन में जब कभी कोई सोच उभरती है , तो आड़े तिरछे लकीरे खीच जाते हैं , और उसे लेकर , आपके सामने आ जाती हूँ  | आप से बढ़ कर , परामर्शदाता दूसरा कोई दीखता भी नहीं.... !!
” Indian Engineering Congress “ में  हर   दो    साल  पर  नए  चेहरे  से मिलना होता है | पहले  साल में  परिचय  , दुसरे  साल  में   दोस्ती  होनी  शुरू  होती , तभी विछुड्ने  का   समय  आ जाता  है.... :)
                     पिछले दस वर्षों से , मैं “ Indian Engineering Congress “ में शामिल हो रही हूँ |  पहले आती थी तो  , अपने को भीड़ का हिस्सा बना लेती थी | भीड़ जिधर जाती , मैं उधर ही खिचीं चली जाती|लेकिन  इस बार मैं अपने को अलग पाई |शहर- दर्शन  तो  पहले  भी  हो   चुका  था | खरीदारी में कोई दिलचस्पी नहीं थी |महबूब ( मेरा बेटा ) साथ था  ,  इसलिए  अकेलापन का कोई सवाल ही नहीं था | मेरे  पति तो अपने  कार्यकर्म   में  अति  व्यस्त   रहे , जो स्वाभाविक  था  , ( पहले  झुझलाहट होती  थी , इस बार तो  ध्यान ही नहीं गया |) चुपके  से  ,  लैपटॉप   लेती  और  आपलोगों   के  बीच  आ  जाती |आपलोगों   का   " लिखा "  पढने  का  " नशा " जो  हो  गया  है  |
नशा , इश्क का ,
नशा , शराब का ,
नशा , खूबसूरती का ,
नशा , उच्चे पद का ,
नशा , एकत्रित धन का ,
नशा , इबादत " रब " का ,
मेरा नशा.... ?
अच्छा या बुरा.... ?
समझ में नहीं आरहा.... तलाश , सिर्फ तलाश जारी है....

27 comments:

  1. खुद को पा लेने का नशा ही बेहतर है . पा लीजिये तो ही यात्रा शुरू होती है और बाकी नशे समझ में आने लगते हैं ...

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  2. Vibha ji...

    Jeevan saara beet hai jaata...
    Nasha sada hi rahta hai..
    Pad, gaurav, santaan, adambar..
    Ahan sang main rahta hai...

    Koi kitna tajna chahe...
    Par na nasha kabhi kam ho...
    Nasha bhul sa jata usko..
    Eshwar se hai judta jo...

    Sundar ahsaas...

    Kabhi humare ghar bhi aayen...

    www.deepakjyoti.blogspot.com

    shubh divas...

    Deepak Shukla..

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  3. बहुत बढि़या।

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  4. यह नशा भी अजीब है , बहुत खूब

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  5. हर नशे का अपना अलग ही आलम होता है...बहुत बढि़या।

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  6. हम सभी लोग इसी नशे में डूबे रहते है,इसमें शकुन बहुत मिलता है...
    बहुत सुंदर,.......

    "काव्यान्जलि"--नई पोस्ट--"बेटी और पेड़"--

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  7. पढ़ना और लिखना सबसे अच्छा नशा है।

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  8. बहुत सुंदर प्रस्तुति,

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  9. सुंदर अभिव्यक्ति बेहतरीन विचार ,.....
    नया साल सुखद एवं मंगलमय हो,....

    मेरी नई पोस्ट --"नये साल की खुशी मनाएं"--

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  10. तलाश करने का नशा सुरूर बन छाया रहता है ... अच्छी भावाभिव्यक्ति

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  11. bahut khoob..............aisa nasha karne ka alag hi maja hai ....likhna -padana .........anand mayi nasha .

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  12. badhai Vibha ji ....Nashe ke bagair jeevan adhura adhura sa rahata hai .... bs Nasha ki prakriti sakaratmak honi chahiye ... aur apka nasha to kya kahane ...

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  13. बहुत बढ़िया..

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  14. bahut sundar.........aisa nasha karne ka alag hi maja hai...keep it up...!

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  15. abhaasi duniyaa ke mitron ke bich rahane ka nashaa achchha hai

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  16. नशा , इश्क का ,
    नशा , शराब का ,
    नशा , खूबसूरती का ,
    नशा , उच्चे पद का ,
    नशा , एकत्रित धन का ,
    नशा , इबादत " रब " का ,
    मेरा नशा.... ?
    सादर नमन

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  17. आपलोगों का " लिखा " पढने का " नशा " जो हो गया है |.. मन के बहुत ही सरस भाव । होली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

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  18. मानसिक स्वास्थ्य का सुंदर आभार है ये नशा बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।

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  19. नशा ही है सब. अपना अपना बस .

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  20. प्रिय दीदी,ये नशा ही सृजन का मूल है।साहित्य के प्रति आपकी लगन और मेहनत ब्लॉग जगत के लिए प्रेरक है ।अपने मन की बात को बडी विनम्रता के साथ लिखा है आपने। इस नशे के बिना सृजन सम्भव ही नहीं।ये एक मौन तप है।
    होली की बधाई और शुभकामनाएं स्वीकार करें।♥️♥️🙏

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  21. बहुत खूब दी..बेहतरीन अभिव्यक्ति।
    सप्रेम प्रणाम दी।
    सादर।

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  22. बिल्कुल सही कहा दी,जब तक किसी काम का नशा ना हो तब तक ना सफलता मिलती है और ना ही जीने का मजा।
    होली की हार्दिक शुभकामनायें आपको

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  23. ये नशा सबसे ऊपर है और सर्वश्रेष्ठ भी😊

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  24. पढ़ने का नशा तो सबसे अच्छा नशा है।

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    Replies
    1. देवेन्द्र पाण्डेय।

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आपको कैसा लगा ... यह तो आप ही बताएगें .... !!
आपके आलोचना की बेहद जरुरत है.... ! निसंकोच लिखिए.... !!

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