“ 26th Indian Engineering Congress at Bangalore “ में अपने पतियों के साथ मैं और बहुत सारी महिलायें जुटीं हैं.... J
मैं अपनी पाँच सहेलियों को , “ paper-beads and white pearls “ के बने “ jewellery “ ( जो मैं खुद से बनाई थी ) दी…. सभी को बहुत ही पसंद आया…. सब बोलीं , ये अमूल्य है , खरीद कर उपहार देना , प्यार दिखलाता है , लेकिन आप जो , अपने हाथों से ये बना कर , उपहार दीं , उससे हमलोग को , आप खरीद लीं…. हमलोग शुक्रिया बोल , आपने हमें जो प्यार और सम्मान दीं हैं , उसे कम नहीं करेगें…. शुक्रिया तो बहुत ही “ छोटा शब्द “ है आपके प्यार और मेहनत के आगे…. सभी ने उस ज्वेलरी को अपने गले – कान में पहना…. शोभा उनकी बढ़ी या उस jewellry…. ? " प्यार का जबाब प्यार मिला "....
एक दिन , ऐसा भी आएगा.... ? जब मेरे प्यार को ,
कोई समझ पायेगा.... ?
इसके पहले भी " अपने लोगों " को ,
न जाने , कितनी बार , इतने वर्षों में ,
अपनी बनाई वस्तुयें ,उपहार - स्वरूप दी थी ,
लेकिन किसी से thank u की ,
लेकिन किसी से thank u की ,
उम्मीद न थी ,
एक मुस्कान की चाहत थी.... !
इतना तो हक़ , बनता ही है.... ?
बडो से प्यार ,
छोटे से सम्मान मिले ,
तो पीछा नहीं छोडती.... !
सभी कहते ,
" Emotional fool " चिपकू है.... !!
"सभी कहते ,
ReplyDelete" Emotional fool " चिपकू है.... !!"
कहने दीजिये....जिन्हें Emotion क्या होता है नहीं पता वे ही ऐसा कहते हैं।
सादर
इमोशनल फूल ही ईश्वर की गरिमा बनाये रखते हैं ... सोचिये न ईश्वर से बड़ा इमोशनल फूल कौन ? उसने तो एक सृष्टि में जाने कितना कुछ दे दिया , पर लोग ? उसमें फेर बदल करके कुड़ को भगवान् समझने लगे
ReplyDeletewell truly said ..
ReplyDeleteanswer for luv is luv ...
and if u r not generous enough to revert luv ..
dn just smile n b with me .. so that i cn give u more of it ....:) :)
bt u call it emotional fool
i call it emotional intelligence :)
shagufta
सभी कहते ,
ReplyDelete" Emotional fool " चिपकू है.... !!
...जो कहते हैं कहने दीजिए...emotions के बिना क्या जीवन है...
ये emotion ही है जो हमें जिन्दा रखे है और जीवन का रस है...कहने दीजिये लोगों को..कुछ तो लोग कहेंगे...लेकिन किसी को emotionaly cheat करने का हक मत दीजिये....बाकि तो ऊपर वाला सब देखता है और नीचे वाला..".दिल का हाल सुने दिलवाला.....!!"
ReplyDeleteआपका पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट "खुशवंत सिंह" पर आपकी प्रतिक्रियायों की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।
ReplyDeleteविभा जी,!!!!!!!कुछ तो लोग कहेगें,लोगों का काम है कहना,
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति,मेरे पोस्ट में आने के लिए आभार,.....
काव्यान्जलि
बहुत ही प्यारी अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteHmmm... Emotional fool!
ReplyDeleteLekin jinke paas emotion hain hi nahi, jo chipak nahi sakte, sirf dikhawa kar sakte hain, show-off, wo kya vaastav mein jeevit hain??!
ye jo muskan ki chaahat hai, wahi to jeevant rakhti hai, zindadili bharti hai! :)
bahut sahi Kavita hai!