(1)
पीली चुनर
ओढ़े हठी धरणी
मधुऋतु में
*************
(2)
षट रागिनी
कुहू लगे मन पे
कुसुमागम
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(3)
किंशुक छाया
वशीभूत अचला
तृप्त मानव
*************
(4)
देख के बौर
बौराये - मत्त जाये
वसंतव्रत
*************
(5)
पा के पलाश
बसंती है वसुधा
मदन माया
*************
(6)
गुलाल उड़ा
फाग ,रँग होली का
वसंत लाया
*************
(7)
झूमें औ नाचें
रसभरी रसिक
हुआ मानव
*************
(8)
अवसाद के
तुषार भी पिघला
टेसू ताप से
**************
(9)
मन मयूर
को किया आह्लादित
वन की लाट
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ah !kya varnan kiya hai is ritu ka....gr88..mashaallah
ReplyDeletevery nice haiku
ReplyDeletesundar haiku
ReplyDeletelatest postमेरे विचार मेरी अनुभूति: मेरी और उनकी बातें
आपने तो हर क्षेत्र में अपनी जगह बना ली ......... वाह
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-02-2013) के चर्चा मंच-1165 पर भी होगी. सूचनार्थ
ReplyDeleteबहुत बढ़िया हाईकु !
ReplyDelete~सादर!!!
अति सुंदर ...वासंतिक हाइकु
ReplyDeleteबसंत के मौसम में सुंदर बसन्ती हाइकू ,,
ReplyDeleteRecent post: गरीबी रेखा की खोज
बढ़िया |
ReplyDeleteTamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
कल २४/०२/२०१३ को आपकी यह पोस्ट Bulletin of Blog पर लिंक की गयी हैं | आपके सुझावों का स्वागत है | धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.
ReplyDeleteवसंत आया हाइकू में भी !
ReplyDeleteलाजवाब !
वसंत की सोच पर यह सृजन बहुत अच्छा लगा।
ReplyDeleteबहुत उम्दा ..भाव पूर्ण रचना .. बहुत खूब अच्छी रचना इस के लिए आपको बहुत - बहुत बधाई
ReplyDeleteमेरी नई रचना
खुशबू
प्रेमविरह
बहुत उम्दा ..भाव पूर्ण रचना .. बहुत खूब अच्छी रचना इस के लिए आपको बहुत - बहुत बधाई
ReplyDeleteमेरी नई रचना
खुशबू
प्रेमविरह
बहुत खूबसूरत हाइकु
ReplyDeleteखूबशूरत अंदाज में शब्दों को गति और लय देती
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति
बहुत सुन्दर हाइकु...
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया आंटी!
ReplyDeleteसादर
बहुत बढ़िया प्रस्तुति।
ReplyDeleteनया लेख :- पुण्यतिथि : पं . अमृतलाल नागर
बहुत बढ़िया प्रस्तुति।
ReplyDeleteनया लेख :- पुण्यतिथि : पं . अमृतलाल नागर
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ReplyDeleteधन्यवाद
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वसंत का सुन्दर चित्रण ......
ReplyDeleteबसंती हायकू बहुत सुंदर बल्कि एक से बढ़कर एक है.
ReplyDeleteवहा बहुत खूब बेहतरीन
ReplyDeleteआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
तुम मुझ पर ऐतबार करो ।