Sunday, 7 August 2016

बेचारी बनी हिंदी




मेघाच्छादित
धारे युवा युवती
जींस धुंधली ।

@जींस धुंधली = यानि faded जींस यानि ब्लू जींस पे सफेद धब्बे .... फैशन

सुझाव मिला

तिर्छी नज़र -
मेरा फीका ब्लू
जीन्स आकर्षे

हाइकु और वर्ण पिरामिड विधा में काव्य लेखन में वर्ण से कमाल होता है
कोई -कोई शब्द बहुत अच्छे लगते हैं
लेकिन
वर्णों के कारण जी मसोस कर रह जाना पड़ता है

वर्ण की सुविधा के लिए
बहुत लोग हिंदी के शब्दों में से वर्ण कम कर रहे हैं
तिरछी = तिर्छी
आकर्षित = आकर्षे
मध्यान = मध्या

परिवर्तन दुनिया का नियम है
चलो मान लेती हूँ
परिवर्तन हिंदी में ही क्यों जबकि वो समृद्ध है
English में ज्यादा जरूरी नहीं है न
Man सरक के go के पास आ जाता है तो
mango हो जाता है
अच्छी बात है मुझे भी नये नये शब्दों को जानने का शौक है
English word में से भी लेटर सरका सकते हैं न
Mango = Mgo लिखते हैं

आंटी से बुआ मौसी चाची मामी
अंकल से फूफा मौसा चाचा मामा
Law लगा दो तो सारे रिश्ते अपने रूप बदल लेते है
परिवर्तन वहाँ क्यों नहीं जरूरी समझ रहे हैं लोग

हिंदी में तो बिंदी का भी महत्व है
शंकर शकर को देख लें

सब समझौता माँ ही करती है न
हिंदी भी क्या करे संस्कृत की बेटी संस्कृत से संस्कार ली
सबके परिवर्तन को अपनाते जाओ
अस्तित्व ही मिटाते जाओ


5 comments:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 'शिरोमणि विद्वता को नमन करती ब्लॉग बुलेटिन’ में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

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  2. सुंदर रचना ।

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  3. सुंदर रचना ।

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  4. गंभीर सोच के साथ सधी हुई दिल की बाते

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आपको कैसा लगा ... यह तो आप ही बताएगें .... !!
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कंकड़ की फिरकी

 मुखबिरों को टाँके लगते हैं {स्निचेस गेट स्टिचेस} “कचरा का मीनार सज गया।” “सभी के घरों से इतना-इतना निकलता है, इसलिए तो सागर भरता जा रहा है!...