Wednesday 15 June 2016

वर्ण पिरामिड

वर्ण-पिरामिड सप्ताहाँक - 56 = ( सम्मान्य प्रमुख :: डी डी एम त्रिपाठी जी {भाई बड़े मणि } )
संचालन : आदरणीय श्री सुरेश पाल वर्मा जसाला जी
और समूह के सभी सदस्यगण
शीर्षक = बेहाल / परेशान / दुखी
चै
डूबा
डहार
लू कासार
टूटे ज्यूँ तट
तलमलाहट
काकतालीय दुःख {1}
हो
चूनी
कुपंथी
छीने चुन्नी
स्त्री परेशानी
समाज बेहाल
देख दुष्कर्मी चाल {2}
 

वर्ण-पिरामिड सप्ताहाँक - 48 = ( सम्मान्य प्रमुख :: कुसुम वियोगी जी )
शीर्षक = जयहिंद
>>>>
1
है
भीती
अधीती
जयहिंद
हिम ताज है
तोड़ न सका है
जयचंद संघाती
>>>>>
2
भू
गीती
चुनौती
अग्रवर्ती
नेक-नीयती
जुडाये अकृती
जयहिंद उदोती
>>>> हिन्द की जितनी जय की जाये ..... कम ही होगा
जय हिन्द

No comments:

Post a Comment

आपको कैसा लगा ... यह तो आप ही बताएगें .... !!
आपके आलोचना की बेहद जरुरत है.... ! निसंकोच लिखिए.... !!

सुनामी

“ सुना है तुम बेहद क्रोधित हो…! समझा करो मोटा अर्थ के असामी के नख़रे उठाने ही पड़ते हैं…!”  “समय के पहले से उपस्थित साहित्यकार, राजनीति के न...