Tuesday, 7 June 2016

साधू - बिच्छू




Fb जैसा असली दुनिया में भी ब्लॉक का आप्शन होना चाहिये था
बार बार साधू की भूमिका नहीं निभानी पड़ती किसी बिच्छू के लिए

नजरों के सामने गुलाटी मारते देखना ज्यादा दंश देता होगा न

..... दिल ब्लॉक हो तो ........




सच को ..... चाशनी में लपेटना ..... हमेशा भूल जाती हूँ ..... जबकि जलेबी पसंद है ..... लेकिन मिर्ची ज्यादा लुभाती है .....





5 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 08 जून 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

    ReplyDelete
  2. सही बात

    ReplyDelete
  3. सच को .. चाशनी में लपेटना .. हमेशा भूल जाती हूँ एकदम सटीक .... :)

    ReplyDelete
  4. बहुत खूब लिखा है आदरणीया

    ReplyDelete

आपको कैसा लगा ... यह तो आप ही बताएगें .... !!
आपके आलोचना की बेहद जरुरत है.... ! निसंकोच लिखिए.... !!

तोता चशमी

टहटह लाल माँग, कजरा, गजरा, बिन्दी, चूड़ी, पायल, बिछिया, मंगलसूत्र, मन्दिर-महलों के लगभग सभी प्रमुख द्वारस्तंभों पर अंकित सोलह शृंगारों के दृश...