झरता पत्ता-
क़ब्रों के बीच में मैंनिशब्द खड़ी
जीवन का अंत
या
जीवन का आरंभ
सबकी सोच अपनी अपनी
मापदंड होंगे न अपने अपने
मेला में स्त्रियाँ -
गूँजती तितलियाँ
छोर से पोर ।
जोड़े में बैठा
तीरवर्ती बुजुर्ग -
डूबता सूर्य ।
डूबता सूर्य -
सज गया सिंदूर
नाक से भाल ।
अदाह्य दीप
फैलाये चिंगारियाँ
दल जुगनू ।
बहुत ख़ूब
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर शब्द रचना
ReplyDeleteसार्थक हाईकू
ReplyDeleteबहुत खूब 👌😊💐
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