01.
विजयोत्सव-
विजयोत्सव-
सिंदूर की रंगोली
कुर्ते पै सजी।
02.
शुभोत्कर्षिनी-
लाल पद्म के ढ़ेर
वैद्यों के ड्योढ़ी।
02.
शुभोत्कर्षिनी-
लाल पद्म के ढ़ेर
वैद्यों के ड्योढ़ी।
भू को-जागृति(भू पर कौन जागरण में हैं- कोजागरा)
01.
रास पूर्णिमा-
चौपड़ पर जीती
साले की घड़ी।
02.
शरद पूनो-
काव्य गोष्ठी में हुआ
खाने का श्लाघा ।
03.
रास की पूनो -
माँ के हाँथों का जादू
खीर में लोप।
04.
शरद ज्योत्स्ना-
अरिपन लगाए
लट पै चाँदी।
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