Saturday 15 June 2019

स्वप्न




कह देने से
रिश्ते टूटने से
बच गए
चुप रहने से
टूटते रिश्ते
सम्भल गए
बस तय करने में
चूक ना हुआ कि
कब क्या कहना है या
कब चुप रह जाना
पजल बॉक्स है जिंदगी
या बिछी बिसात
गोटी फिट करना
या प्यादे की चाल
हद से ज्यादा दर्द होता
साँसों की डोर कट जाती
जब तक साँसें है
खुशियों को वितरित करने में
सहायक बन गुजरते जाना है

2 comments:

  1. ये पज़ल जब तक न सुलझे अच्छा ... मन व्यस्त रहता है सुलझाने में ... वर्ना जिंदगी क्या है ... गहरी रचना ...

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  2. पजल बॉक्स है जिंदगी
    या बिछी बिसात...,
    वाह.. बहुत खूब !!!

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