Wednesday, 18 October 2023

उधेड़बुन : उपचारिका की डायरी : एकालाप शैली

26 जनवरी 2006

पद्मश्री थामते हुए रोयें गनगना नहीं रहे थे। रोयें फ्लोरेंस नाईटिंगेल पुरस्कार छूते हुए भी नहीं गनगनाये थे। चिकित्सा का लाभ उठाने के लिए सुनामी से प्रभावित जनजाति जिन्हें नेग्रिटो नस्लियों स्टॉक कहा जाता था को मनाने में छठी का दूध याद आना हो जाता था। लेकिन चुनौती के दाँत खट्टे कर ही डाली।

25 जून 2014

बता दूँ! नहीं बताती हूँ! झूठ कैसे बोलूँगी... बता ही देती हूँ! लेकिन बता देने के बाद जो परिणाम होगा उसकी जिम्मेदारी किसके कन्धे पर होगी। सेक्सटॉर्शन में फँसकर बुजुर्ग ने आत्महत्या करने का प्रयास किया है। दो दिन के उलझन के बाद आज बुजुर्ग के बेटे को बता ही दिया। उसने वादा किया है। शान्ति से सोच समझ कर समस्या का हल निकालने में मेरी मदद लेगा।

14 अगस्त 2016

आज न्यायालय से हमारी शादी का पंजीयन हो गया। रिश्तेदारों का मानना था कि धनी परिवार की लड़की के लिए उपचारिका का पेशा बिलकुल सही नहीं है। इसलिए मैंने शादी ही नहीं करने का निर्णय लिया था। लेकिन सौगन्ध थोड़े न खायी थी। सेक्सटॉर्शन से उबरे बुजुर्ग और उनके बेटे की ज़िद के आगे मेरा निर्णय टिक नहीं सका।

20 मार्च 2020

आज हमारे अस्पताल में एक आकस्मिक मीटिंग के लिए बुलाया गया था। मीटिंग में हमें बताया गया कि हमारा हॉस्पिटल कोविड के मरीजों को भर्ती करेगा और हमें खुद को इसके लिए मानसिक तौर पर तैयार करना होगा। हम घर परिवार से दूर होंगे। मेरी बेटी एक साल की रिया को छोड़कर कैसे जाऊँ? अस्पताल ने मेरा नाम पुन: राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भेजा है। नहीं जाऊँ तो श्रम से की गयी सेवा के बदले जो सम्मान मिला है वह धूल धुसरित हो जायेगा!

7 comments:

  1. धन्य बुजुर्ग धन्य पुत्र और धन्य उपचारिका | राष्ट्रपति पुरूस्कार तो बनाता ही है |

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  2. संवेदनशील मन का गहन आत्मचिंतन।
    प्रणाम दी।
    सादर।
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    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २० अक्टूबर२०२३ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  3. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 22 अक्टूबर 2023 को लिंक की जाएगी .... https://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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    Replies
    1. विलंबता हेतु क्षमा
      हार्दिक आभार आपका

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