ठंडाई संग भंग
मस्त चढ़े रंग
फाग तरंग
मिष्ट स्वाद के संग
सब बुढवा
करे तंग
समझे
अपने को
देवरवा मलंग
होली की उमंग .....।
1)
आ होलाष्टक
हरकारा लगता
लाता है ख़ुशी
(2)
रंग होली का
भीगा धरा ,बनाया
इन्द्रधनुष
(3)
भंग औ रंग
नाचे धरा -गगन
गोरी को लागे
(4)
कामदेव ने
मधुमास ले आये
तीर चलाये
(5)
श्री रूपा राधा
शरारत कान्हा का
रंग दे चुन्नी
(6)
देवर-भाभी
मिलकर रंगों की
होड़ लगाईं
(7)
बैर ना पालो
रंग में क्लेश घोलो
तनाव टालो !!
लाजवाब. एकदम 'मधु'मय.
ReplyDeleteरंग बिरंगी लाजवाब..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना की प्रस्तुति.
ReplyDeleteएक से बढ़कर एक ..... आ रही है होली......
ReplyDeleteहोली का जीवंत चित्रण
ReplyDeletesabhi utkrisht ...abhar .
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया .... शुभ होली
ReplyDeleteवाह भई वाह !
ReplyDeleteहोली की बहुत शुभकामनाएं !
बहुत खूब! होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeletekafi sundar rachana he
ReplyDeleteशुभकामनाये..
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