आत्म-स्तुति के नशे में डूबे
आँख-ढाप जमीर भी ले डूबे
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गलत सही का क्या पैमाना होता है ..........
सब का अपना अपना समझ होता है .............
आपके लिए जो होता है सही ............
दूसरे के लिए होता है गलत वही .....
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आज दो बार स्टार-प्लस पर आने वाला प्रोग्राम @स्त्यमेव जयते " देखी
जो प्रोग्राम मे बिहार की बातें दिखाई गई ,
क्या सरकार ,कानून ,संविधान को पता नहीं होगी
मेरे चुनाव प्रणाली + मतदान के खिलाफ होने का सबूत
साम-दाम दंड को निभाने वाले
गुर्गे के साथ पैसा हो तो
जीत पक्की होगी ना ??
समझ पाता
नाटक ना आसान
आज का नेता ।
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समझ पाता
नाटक ना आसान
आज का नेता ।
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बड़े ज्यों होते
पथरीला हो जाते
पहाड़ सम ।
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गुनाह ज्यादा
जीत पक्की उसकी
विश्वास मेरी
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संभल जाओ
नोटा से बहे पोटा
दोषी भगाओ
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राइट टू रिजेक्ट (नकारने का अधिकार) से लड़ाई को और मजबूती मिलेगी
और आने वाले समय में नोटा का प्रयोग और बढ़ेगा।
इससे राजनीतिक दलों पर
अच्छी छवि वाले उम्मीदवार को
चुनाव मैदान में उतारने का दबाव भी बढ़ेगा।
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बाँझ उद्विग्न
चिंता दुश्मन साथ
अशक्त सोच ।
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तिथियाँ बीती
कसौटी रीतिबद्ध
याद दिलाती ।
सच लिखा है :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...!
ReplyDeleteRECENT POST - माँ, ( 200 वीं पोस्ट, )
sunder aur sarthak prastuti
ReplyDeleteउम्दा अभिव्यक्ति
ReplyDeletesundar v saarthak prastuti
ReplyDeleteबहुत सही लिखा दी
ReplyDeleteबिल्कुल
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ..विभा..
ReplyDeleteनोटा के प्रयोग से बड़ा बदलाव आने की उम्मीद दिख रही है...
ReplyDeletewah ,bahut achcha likha aapne :)
ReplyDeleteबेहतरीन ........... दी !!
ReplyDeleteसुंदर सार्थक और सटीक रचना।
ReplyDeleteकटु किंतु सत्य!!
ReplyDeleteअनूठी है आपकी, अभिव्यक्ति ! बधाई
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