Sunday 15 September 2019

जीवनोदक





"प्रतीक्षारत साँसें कितनी विकट होती है... आस पूरी होगी या अकाल मौत मिलती है..?" मंच पर काव्य-पाठ जारी था और श्रवण करने वाले रोमांचित हो रहे थे... हिन्दी दिवस के पूर्व दिवस (शुक्रवार13 सितम्बर 2019)  एम.ओ.पी. महिला वैष्णव महाविद्यालय का सभागार परिसर , विभिन्न महाविद्यालयों से आमंत्रित छात्र-छत्राओं से भरा हुआ था, हालांकि उस दिन का निर्धारित कार्यक्रम समाप्त हो चुका तो सारे अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार मध्याह्न भोजन के लिए जा चुके थे...नई कलम को कितनी अहमियत मिलनी चाहिए सदा चिंतनीय विषय रहना चाहिए... 5 छात्र-छात्राओं का पंजीयन कार्यक्रम के दिन हुआ था और वे समर्थ युवा रचनाकार आठ बजे से आकर अपनी बारी की प्रतीक्षा में तपस्यारत थे.. आदरणीय डॉ. सुधा त्रिवेदी जी उन युवा रचनाकारों की सूचना कई बार घोषित कीं और सराहनीय और अनुकरणीय बात थी कि दिन के दो बजे उनको पाठ का मौका देना..। प्रमाणपत्र बाद में बनवा देंगी सांत्वना बार-बार दे रही थीं.. उनके प्रति मेरी श्रद्धा प्रतिपल बढ़ती जा रही थी।


हिन्दी भाषी प्रदेश में हिन्दी पर कार्य करना कभी रोमांचित नहीं किया... बस एक दायित्वबोध रहा कि खुद को व्यस्त रखने के लिए कुछ करना है.. आज महोदया DrSudha Trivedi जी को अहिन्दी भाषी तमिल भाषा के बीच कार्य करते हुए देख गर्व महसूस हुआ.. हार्दिक आभार आपका
1989 से आज 2019 में अनेकानेक बार चेन्नई संग पूरा तमिलनाडु भ्रमण की हूँ... पहली बार चेन्नई आकर बेहद खुशी हुई...
महाविद्यालय की बहुत सारी छात्राएं पारम्परिक पोशाक साड़ी और गहने पहनी हुई थीं... जिनमें से तीन चयनित होकर निर्णायक के सामने आईं और उनसे एक सवाल #ओणम_मनाने_का_आज_उद्देश्य_क्या_है? किया गया ।
प्रथम आने वाली छात्रा का जबाब रहा- " #नहीं_जानती_कि_ओणम_क्यों_शुरू_हुआ_आज_अन्य_सभी_क्यों_मनाते_हैं_मेरे_लिए_तो_खुशी_मिलने_की_वजह_है_ओणम_कि_पूरा_परिवार_एक_संग_जुटता_है।

नई पीढ़ी तोड़ना नहीं चाहती है.. जो अगर भटकती है तो उसके जिम्मेदार हम हैं और हमारी दी गई परवरिश है..

मैं अपनी आदत से लाचार कार्यक्रम शुरू होने के एक घन्टा पहले पहुँच गई और उस एक घण्टे में छात्राओं को समझने का मौका मिला... सुबह आठ बजे से लेकर मध्याह्न तीन बजे तक हम उनके बीच रहे... शालीन शीतल मेधावी छात्राओं को देखकर बेहद सुकून मिला..


5 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 17 सितम्बर 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. शुभ संध्या
      हार्दिक आभार आपका छोटी बहना

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  2. सुप्रभात
    बेहतरीन रचना दीदीजी ! सादर नमन।

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आपको कैसा लगा ... यह तो आप ही बताएगें .... !!
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मनाजीताभ

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