"और "
" ♣ सभी को भारतीय गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ♣ "
"आज सभी ने आजादी - कुरबानी , झंडा - झंडोतोलन , अच्छे - बुरे नेता , अच्छी - बुरी सरकार , लोकपाल इत्यादि अनेको विषयों पर लिखी - सुनी.... :) मुझे भी अच्छा लगा.... :) लेकिन किसी और को यूँ नजरअंदाज कर देना............ ??????????
अरे वही , जिसके बारे में किसी ने किसी को कहा :- round - round stop.... :):)
बचपन की यादे ताजा हो गई.... :( आज के दिन मेरे पापा दूकान - वाले से अनुरोध कर बहुत बड़ी सी बनवा , मेरे लिए लाते , मुझे बहुत पसंद जो है.... ? मेरे पति और बेटे को भी पता है , और वे भी लाते हैं , लेकिन वो मिठास नहीं मिल पाता , जो पापा लाते थे उसमे रहता था.... :( बहुत कुछ बदल गया , मिलावट का ज़माना है......... !!!!!
"और "उसकी तुलना , इंसानों से भी की जाती है , न जाने किसी को उससे इतनी नफरत क्यों है , जो उसकी इतनी तौहीन करते हैं.... ??????? उसका ओर - छोर पता चलता है , उसके रग - रग में मिठास भरी रहती..... जिसे देख , शायद ही कोई होगा जिसके आखों में चमक , होठों पर मुस्कान और मुहं में पानी न आजाये..... :):) अब तो उसका परिचय आपसभी को मिल गया हो गया होगा.... :) अरे , नहीं समझे , " जलेबी "...........
" ♣ सभी को भारतीय गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ♣ "
अंग्रेजों से मिले आजादी और उसके बाद मिले संविधान का जश्न हम मना रहे है , तो आज हिंदी का हक़ बनता है न..... ?? हमारे हिन्दुस्तानवासियों...... !!!!!!!!!!!!!!! आज तो गुलामी का अहसास न दिलाओ...... :):)
" ♣ सभी को भारतीय गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ♣ "
कभी 100-200 ग्राम जलेबी अकेले खा जाया करता था मैं भी। :)
ReplyDeleteवैसे आज भी मुझे जलेबी सबसे ज़्यादा पसंद है :)
गण तंत्र दिवस की शुभ कामनाएँ आंटी।
सादर
अंजू ( मेरी देवरानी ) एक किलो अकेले जलेबी खा जाती थी , आज भी खाती है , लेकिन कम , चीनी का बिमारी हो गया है.... :(
ReplyDeleteजलेबीईईईईईईई? मंगाए हैं - इस देश का यारों क्या कहना !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिखा है आपने । मुझे भी बहुत बहुत पसंद है जलेबी । गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteआपका ब्लॉग फोलो कर लिया है । मेरे भी ब्लॉग में आयें और फोलो करें ।
मेरी कविता
आपकी रचना पढ़कर सचमुच आ गई जलेबी की याद,
ReplyDeleteपर यहाँ और अब नहीं मिलती है गाँव में बचपन में खाई हुईं, जैसी जलेबियाँ।
उनकी यादों से ही हो गया मुँह मीठा।
शुद्ध जलेबी न मिलने की समस्या से भी बड़ी कुछ समस्यायें है। कृपया इसे भी
पढ़े-
क्या यही गणतंत्र है
are wah jalebiiiiiiiiiiiiii
ReplyDeleteareyyyyyyyyyy wahhh JALEBI :)
ReplyDeleteiss 26 january jalebi ki photo se hi kaam chala liya ... but still i cn feel d sweetness.. in ur blog :)
ReplyDeleteआप की जलेबी यादों के रस से भरी रहे मीठी मीठी यादें .....|sangeeta
ReplyDeleteजलेबी कि तरह राउंड राउंड करती पोस्ट ..मिठास से भर पूर ..
ReplyDeleteबैक ग्राउंड का रंग बदल लें तो मेरे जैसे पाठक को सुविधा होगी .. कोई भी लाईट कलर लगाएं . आभार
वाह: जलेबी सी मीठी पोस्ट..गणतन्त्र दिवस और बसंतपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ .
ReplyDeleteWaah, JAlebi .. Mujhe bhi ek.. :)
ReplyDeleteकल 20/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
फिर से मुंह में पानी भर कर जा रहे हैं :):)
ReplyDelete500 grm jalebi to mai bhi ek baar me kha hi leti hun ... pr ab kya karoo umar ka khayl rakhana padata hai ....isliye khud ko rokna par jata hai ...!!!!
ReplyDeleteलगता है जलेबी खाने वालों की प्रतियोगिता करनी पड़ेगी. १ किलो और ५०० ग्राम वाले सावधान हो जाएँ. वैसे जलेबी के मुरीद काफी हैं.
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