तीन - तीन अग्रजों की दुलारी तेतरी ....
इठलाती - इतराती , तेरह बसंत देखे ,
तो जैसे एक खिलौना ,अनुज मिला ....
बड़े भैया ,भाई के साथ पिता का ,
(कन्या दान नहीं) ,कर्तव्य निभाया ....
छोटे भैया ज्यादा तंग करते ,
Rs.दो तो राखी बंधवाउंगा कहते ....
अनुज ,भाई कम ,बेटा ज्यादा लगा ,
छोटा था तो उसने माँ को खो दिया ....
मझले भैया सबसे ज्यादा प्यार करते ,
प्यार से उसे ढिबरी बुलाते ....
लेकिन 23 जुलाई को जब राखी
चार दिन बाद था ,तेतरी को
रोता -विलखता छोड़ गये ....
उस साल राखी नहीं मना ....
आज भी ढिबरी 4राखी खरीदती है ....
3 अंक अपशगुन होता है ?
नहीं ! आज भी उसे लगता है ............................................ !
और भाई भी बेकरार रहते ,वे निराश न हों ....
उनसे भी बहुत प्यार करती ,वे दुखी न हों ....
तेतरी न रही तो क्या हुआ ढिबरी तो है ....
आँखें नम रहती , होठों पर मुस्कान होते ....
बड़ा सादा त्यौहार मनता है ,उसका रक्षा बंधन ....
# (तीन बड़े भाई के बाद जो बहन पैदा हो ,उसे तेतर कहते हैं) #
तेतर बहन सौभाग्यशाली होती है ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया आंटी
ReplyDeleteसादर
sarthak aur saamayik srijan, badhai.
ReplyDeleteप्रिय महोदय
"श्रम साधना "स्मारिका के सफल प्रकाशन के बाद
हम ला रहे हैं .....
स्वाधीनता के पैंसठ वर्ष और भारतीय संसद के छः दशकों की गति -प्रगति , उत्कर्ष -पराभव, गुण -दोष , लाभ -हानि और सुधार के उपायों पर आधारित सम्पूर्ण विवेचन, विश्लेषण अर्थात ...
" दस्तावेज "
जिसमें स्वतन्त्रता संग्राम के वीर शहीदों की स्मृति एवं संघर्ष गाथाओं , विजय के सोल्लास और विभाजन की पीड़ा के साथ-साथ भारतीय लोकतंत्र की यात्रा कथा , उपलब्धियों , विसंगतियों ,राजनैतिक दुरागृह , विरोधाभाष , दागियों -बागियों का राजनीति में बढ़ता वर्चस्व , अवसरवादी दांव - पेच तथा गठजोड़ के दुष्परिणामों , व्यवस्थागत दोषों , लोकतंत्र के सजग प्रहरियों के सदप्रयासों , ज्वलंत मुद्दों तथा समस्याओं के निराकरण एवं सुधारात्मक उपायों सहित वह समस्त विषय सामग्री समाहित करने का प्रयास किया जाएगा , जिसकी कि इस प्रकार के दस्तावेज में अपेक्षा की जा सकती है /
इस दस्तावेज में देश भर के चर्तित राजनेताओं ,ख्यातिनामा लेखकों, विद्वानों के लेख आमंत्रित किये गए है / स्मारिका का आकार ए -फोर (11गुणे 9 इंच ) होगा तथा प्रष्टों की संख्या 600 के आस-पास / इस अप्रतिम, अभिनव अभियान के साझीदार आप भी हो सकते हैं / विषयानुकूल लेख, रचनाएँ भेजें तथा साथ में प्रकाशन अनुमति , अपना पूरा पता एवं चित्र भी / विषय सामग्री केवल हिन्दी , उर्दू अंगरेजी भाषा में ही स्वीकार की जायेगी / लेख हमें हर हालत में 10 सितम्बर 2012 तक प्राप्त हो जाने चाहिए ताकि उन्हें यथोचित स्थान दिया जा सके /
हमारा पता -
जर्नलिस्ट्स , मीडिया एंड राइटर्स वेलफेयर एसोसिएशन
19/ 256 इंदिरा नगर , लखनऊ -226016
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मोबाइल 09455038215
तेतरी बहन और उनकी चार राखियां. अत्यंत भावनात्मक.
ReplyDeleteak bhav-poorn rachna
ReplyDeleteभाव भीनी खुशबू लिए भाई प्रेम के कोमल पहलू लिए सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteरक्षा बंधन की बधाई ...
बहुत सुन्दर ..बधाई
ReplyDeleteबहुत सराहनीय प्रस्तुति.
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