Saturday 21 June 2014

तांका



इस हफ्ते ये हमारी तांका प्रतियोगिता है 
और 
इस बार किसी भी रंग जैसे लाल ,नीला ,हरा या पीला आदि का नाम 
आपके तांका में आना चाहिए यानीकि 
इस बार लिखना है हमें कलर फुल तांका और 
ये थीम हमें दी है हमारे ग्रुप एडमिन 
आदरणीय योगेन्द्र वर्मा सर ने 


1

जेठ महीना
सूर्य है लाल पीला
पलाश खिला 
अमृत विष दोनों 
चटक गई धरा

==

2

खोजते सब 
गौरेया की फुदकी
मन के काले
विरुध काट डाले 
घोसला नीव नोचे

==

3

जख्म हरा है
कन्या कोख में मरी
खुद से गिला 
जग की उल्टी रीत 
हर लेती है मति

==

4

बर्फ की वर्षा
सृष्टि गई दहल
चैन ना कहीं 
श्वेत चादर ओढ
ठिठुर गई धरा

==

हाइगा 






===

हाइकु 

1

मिट्टी के कण 
चाक व अग्नि चढे़
सिंधु समेटे

(गागर में सागर)
==

2

मिलाता धुरा 
जीवन भुरभुरा
कर्म का बुरा 

=धुरा(मिट्टी)=
==

3

पड़े दरार 
मन भेद ना बने
मत भेद से ।
==

4

आस को सांस
बीजड़ा दौड़ा खेत
झड़ा दौंगरा ।

दौंगरा = पहली बारिश 


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10 comments:

  1. खोजते सब
    गौरेया की फुदकी
    मन के काले
    विरुध काट डाले
    घोसला नीव नोचे

    पड़े दरार
    मन भेद ना बने
    मत भेद से ।

    बहुत ही खुबसूरत थी सारी.....ये दोनों तो मुझे बहुत पसंद आई.

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  2. सुंदर क्षणिकाएं...

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  3. सारे बहुत सुन्दर प्रस्तुति !!

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  4. आपकी क्षणिकाएं पसंद आयीं , आभार !

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    Replies
    1. आभारी हूँ .... बहुत बहुत धन्यवाद आपका

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  5. भाव और रंग दोनों बखूबी मिले हैं. सुन्दर कृति.

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  6. सभी तांका और हाइकु बहुत सुन्दर...

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आपको कैसा लगा ... यह तो आप ही बताएगें .... !!
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