ठिठकी भीड़
कुम्हार चाक देख
पुस्तक मेला
रो रहा प्रकाशक
स्व स्टॉल खाली पाया
चहूँ ओर सत राग का शोर बड़ा
बता दो किनके गले में छाला पड़ा
हाँ तो गर्म दूध जिनके मीत ने पीया
कड़ा सवाल सुनते क्यूँ लकवा जड़ा
<><>
दिवस प्यार –
उजड़ा बाग़ देख
रोया पड़ोसी
<><>
पुस्तक मेला-
कुम्हार चाक संग
भीड़ ले सेल्फ़ी
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 16-02-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2594 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
वाह बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteपुस्तक मेला-
ReplyDeleteकुम्हार चाक संग
भीड़ ले सेल्फ़ी
सभ्ाी जगह का यही हाल। लोग आते नहीं पुस्तक मेले में। सुंदर लिखा।
ReplyDeleteवाह बहुत बढ़िया , आपकी पोस्ट से पटना पुस्तक मेला के दर्शन हो गए
ReplyDeleteदिल्ली पुस्तक मेले में तो जा चुका हूँ , पटना में भी पुस्तक मेला लगता हैं इसकी जानकारी नहीं थी।
ReplyDeleteआपकी पोस्ट से पटना पुस्तक मेला के दर्शन हो गए
वाह बहुत बढ़िया
ReplyDelete