घर में 8-9 महीने के बीच मेरे करीबी 6 रिश्तेदारों की मौत ....
जब जो देता है .... छप्पर फाड़ के देता है ....
ससुर जी को अन्तकाल तक पहुंचा कर ,
निम-बेहोशी और भयानक दर्द ,
तथा गले से पानी का ना उतरना ....
पति - महाशय को body ache, fever,vomiting और loose motion .....
मुझे किसी चीज से Allergy ....
सर से पैर तक खुजलाहट और फोड़ा ....
देखना है ,तुम कितना दे सकते हो ?
आज तक तुमने यही तो दिया है !
ससुर जी को अन्तकाल तक पहुंचा कर ,
निम-बेहोशी और भयानक दर्द ,
तथा गले से पानी का ना उतरना ....
पति - महाशय को body ache, fever,vomiting और loose motion .....
मुझे किसी चीज से Allergy ....
सर से पैर तक खुजलाहट और फोड़ा ....
देखना है ,तुम कितना दे सकते हो ?
आज तक तुमने यही तो दिया है !
तुम्हे जिद है देने की ....
मुझे जिद है लेने की ....
तुम्हारी कोई हद नहीं ....
मेरी कोई सीमा नहीं ....
तुम परीक्षा लेते हो ?
मैं प्रतीक्षा करती-हंसती हूँ ,रोक लेते हो ?
सब बोलते , नियति हैं ,मेरी ....
मुझे जिद है लेने की ....
तुम्हारी कोई हद नहीं ....
मेरी कोई सीमा नहीं ....
तुम परीक्षा लेते हो ?
मैं प्रतीक्षा करती-हंसती हूँ ,रोक लेते हो ?
सब बोलते , नियति हैं ,मेरी ....
सब समझते क्यों नहीं , प्रवृति है तुम्हारी ....
मेरी बैचैनी-छटपटाहट देखने की लालसा है तुम्हारी ....
मेरी बैचैनी-छटपटाहट देखने की लालसा है तुम्हारी ....
थकोगे तुम ,हारोगे तुम ,झुन्झलाओगे तुम !
कल भी तुमसे शिकायत ना थी !
कल भी तुमसे शिकायत ना होगी !
कल भी तुमसे शिकायत ना थी !
कल भी तुमसे शिकायत ना होगी !
सवाल भी है
ReplyDeleteजवाब भी है
शिकायत भी है
सहनशीलता भी है
दर्द भी है और
दवा भी है
सब-कुछ तो है
और जो भी है
सब ईश्वाराधीन ही है
सादर
यशोदा के प्रणाम पहुँचे
परीक्षा उसी की होती है
ReplyDeleteसमय उसी के आगे तांडव करता है
जो ईश्वर का प्रमुख स्नेहिल अंश होता है ...
खुद ईश्वर देता गया है परीक्षाएं
फिर खुद को शांत करने के उद्देश्य से
झंझावातों के शोर से निकलने के लिए
वह लेता है एकांतवास !
तप्त,दग्ध कंदराओं में
अश्रुओं से नम
होता है ध्यानमग्न -
हमारी परीक्षाओं के दर्द से बेचैन
वह खुद को ही सज़ा देता है
कारणों से वह मुक्त नहीं
पर परिणामों को साझा करता है
ईश्वर हर घड़ी साथ देता है ...
हिम्मत वालो की परीक्षा कैसी...सब ठीक होगा.बस,समय का इंतजार करना होगा..
ReplyDeleteटेक केयर आंटी।
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ReplyDeleteशायद इसी का नाम जिंदगी है और जिंदगी इम्तिहान लेती हैं |
ReplyDeleteबहुत ही सार्थक रचना |
मेरा ब्लॉग आपके इंतजार में,समय मिलें तो बस एक झलक-
"मन के कोने से..."
आभार..|
ज़िंदगी में कभी कभी ऐसे क्षण आते हैं जब सब से विश्वास उठ जाता है, लेकिन वे क्षण भी निकल जाते हैं...आने वाले कल पर विश्वास रखें, सब ठीक होगा...
ReplyDeleteक्या कहूँ ...
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