# चंदा-मामा दूर के ,पुआ पकावे गुड के #

चाँद माँ मुझे उसे दिखा चुप कराती-सुलाती थी !
चाँद जब मैं बड़ी हुई तो उसकी चाँदनी मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी !
चाँद मैं अपने बेटे को उसे दिखा चुप कराती-सुलाती थी !
चाँद वैज्ञानिको के लिए कौतुहल-खोज का विषय-वस्तु रहा है ये !
चाँद हसीनाओं के दिल में ख़ुद के चाँद होने का गुमान होता है !
चाँद हमेशा से ये गीत-संगीत-कविता के रचियेता का प्रिय माध्यम रहा है !
चाँद प्रीत में प्रीतम अपनी प्रीती की तुलना उससे ही तो करता है !
चाँद कुछ के सर पर भी बिराजमान होता है ,तो पैसे वाला समझा जाता है !
चाँद देख-देख उसे चातक-चकोर को मदमस्त होते भी सुना है !
चाँद समंदर के ज्वार-भाटे को उसे देख उफनते तो देखा भी है !
चाँद अनुभव करना है ,चांदनी रातों में पैर के नस क्यों ज्यादा मोटे हो जाते हैं ?
जैसे नीले-नीले सागर का नीर या नीले-नीले अम्बर के आंसू भरे हों !
जब इन पैरो को थमने-थकने की इजाजत नहीं थी उस समय ....
तुम्हारे नज़रे इनायत होना और ये बेहतरीन तौहफा मिलना (^_^)
शुक्रगुज़ार हूँ ....
तुम यूँही कृपानिधान - विघ्नहरता तो नहीं कहलाये ....
अरे तुम्हे नहीं पता , तुम तो हर जगह व्याप्त हो ....
चाँद जब मैं बड़ी हुई तो उसकी चाँदनी मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी !
चाँद मैं अपने बेटे को उसे दिखा चुप कराती-सुलाती थी !
चाँद वैज्ञानिको के लिए कौतुहल-खोज का विषय-वस्तु रहा है ये !
चाँद हसीनाओं के दिल में ख़ुद के चाँद होने का गुमान होता है !
चाँद हमेशा से ये गीत-संगीत-कविता के रचियेता का प्रिय माध्यम रहा है !
चाँद प्रीत में प्रीतम अपनी प्रीती की तुलना उससे ही तो करता है !
चाँद कुछ के सर पर भी बिराजमान होता है ,तो पैसे वाला समझा जाता है !
चाँद देख-देख उसे चातक-चकोर को मदमस्त होते भी सुना है !
चाँद समंदर के ज्वार-भाटे को उसे देख उफनते तो देखा भी है !
चाँद अनुभव करना है ,चांदनी रातों में पैर के नस क्यों ज्यादा मोटे हो जाते हैं ?
जैसे नीले-नीले सागर का नीर या नीले-नीले अम्बर के आंसू भरे हों !
जब इन पैरो को थमने-थकने की इजाजत नहीं थी उस समय ....
तुम्हारे नज़रे इनायत होना और ये बेहतरीन तौहफा मिलना (^_^)
शुक्रगुज़ार हूँ ....
तुम यूँही कृपानिधान - विघ्नहरता तो नहीं कहलाये ....
अरे तुम्हे नहीं पता , तुम तो हर जगह व्याप्त हो ....
अभी तो इन अंगुली में भी होगे ही !
या ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
तप्त,दग्ध कंदराओं में ध्यानमग्न एकांतवास लिए
अश्रुओं से नम आँखों से देख नहीं पाए ....
एक ही पैर पर ... अरे नहीं दुसरे के लिए कुछ और सोचा होगा .... (*_*)
व्हील - चेयर की व्यवस्था करनी होगी क्या ?(^_^)
या ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
तप्त,दग्ध कंदराओं में ध्यानमग्न एकांतवास लिए
अश्रुओं से नम आँखों से देख नहीं पाए ....
एक ही पैर पर ... अरे नहीं दुसरे के लिए कुछ और सोचा होगा .... (*_*)
व्हील - चेयर की व्यवस्था करनी होगी क्या ?(^_^)
बाएं पैर में कई दिनों से दर्द था .... मैं समझ रही थी कि काम ज्यादा करने से हो रहा है ....
कल सब्जी-भाजी-दूध लेकर सड़क पार कर रही थी ,तो एक मोटर-साईकिल आकर पैर पर ठोकर मार दिया ....
Dr. से दिखलाना पड़ा .... !
उन्होंने ने कहा पैर में फाइलेरिया भी है .... (*_*)
मुझे किसी वजह से दर्द ज्यादा हो तो मैं बोलती हूँ , गुदगुदी कर रहा है (^_^)
उन्होंने ने कहा पैर में फाइलेरिया भी है .... (*_*)
मुझे किसी वजह से दर्द ज्यादा हो तो मैं बोलती हूँ , गुदगुदी कर रहा है (^_^)
तो
कल से गुदगुदी कुछ ज्यादा हो रहा है (*_*)
सुनने में आया है ,कि पूर्णिमा के समय फायेलेरिया ज्यादा बढ़ जाता है ,
ReplyDeleteया
अंधविश्वास है ये ?
आप के ब्लॉग पर अधिकतर नई ,अलग तरह की रचना पढने को मिलती है मैंम , बढ़िया है |
ReplyDeleteबेहतरीन रचना ....
ReplyDeleteचाँद पर लिखी इतनी सारी बातें nostalgic कर गयीं.. आपको चोट आई पैर में, ये जानकार दुःख भी हुआ... फैलेरिया का चाँद से सम्बन्ध है, ये मैंने भी सुना है.. कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है लेकिन.
ReplyDeleteआप जल्द ही स्वस्थ हों.. इसी की कामना करता हूँ..
पूरे चाँद के समय कोई भी तकलीफ बढ़ जाती है ... वजह वैज्ञानिक ही होगा , पर है
ReplyDeleteकाम के साथ-साथ अपना भी ध्यान रखना है तुम्हे...जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं..तुम जीयो हजारो साल ,साल के दिन हो पचास हजार...
ReplyDeletechand ke bare me kuchh viswash , kuchh andh viswash hai,ho sakta hai kuch sahi ho, par aapki rachna achchhi hai.
ReplyDeletemere blog ko bhi dekhe .Link-http://kpk-vichar.blogspot.in
मैंने तो सुना है अमावस्या पर ज्यादा तकलीफ बढ़ती है :):) पता नहीं चाँद भी क्या क्या गुल खिलाता है । जन्मदिन की बधाई
ReplyDeleteजन्मदिन मुबारक आंटी!
ReplyDeleteसादर
सुना है कि इस विश्वास के साथ वैज्ञानिक तथ्य भी जुड़ा है..... जो भी हो, चाँद की शीतल चाँदनी हर घाव पे मरहम का काम करती है ये भी तो एक विश्वास ही है ना... तो फिर इसी विश्वास के सहारे ये दुआ है कि ये चाँद अपनी चाँदनी के साये तले सारी तकलीफों की पोटली को समेट ले जाये और खिलती मुस्कुराती नयी आशाओं नयी उम्मीदों से सजी चमकती सौगात दे जाये...आमीन !!!
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 30-08 -2012 को यहाँ भी है
ReplyDelete.... आज की नयी पुरानी हलचल में ....देख रहा था व्यग्र प्रवाह .
बहु -अर्थक चाँद जिन खोजा तिन पाइयां ..लेकिन परिस्थितियाँ हैं बड़ी प्रतिकूल बेहद उल्कापात होता है चाँद पर जैसे यहाँ औरत पर होता बड़ी विषम परिस्थितियाँ हैं चाँद पर जैसे यहाँ औरत के लिए हैं ,क्रेटर ही क्रेटर हैं ऊबड़ खाबड़ है चाँद औरत की ज़िन्दगी सा वीरान .......गर्मी सर्दी का अंतर है बहुत तापमान में ,जीवन मुश्किल है कोई मंडलवायु नहीं है चाँद पर /......लोग फिर भी बस्तियां बनायेंगे चाँद पर ....
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति है कृपया यहाँ भी पधारे -
ram ram bhai
जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteaapko chot lagee jaan kar dukh hua .jaldi theek ho jaiye ,aapke janam din par "belated" happy birthday :)
ReplyDeleteye tho pata nahi....par haan chand par itni sari batein padh kar sacchi maza aya....
ReplyDeleteBelated Happy Birthday...chaand ke itane roop achhe lage...take care of your health..
ReplyDeleteयह संवाद तो अद्भुत रहा.
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति.
वाह दी चाँद के अपने ही नुक्से अपने ही स्वांग हैं ..... बिलकुल अलग रचना ....(*_*)
ReplyDeleteNICE POST .AABHAR
ReplyDeleteWORLD WOMAN BLOGGERS ASSOCIATION
बेहतरीन रचना ..!
ReplyDeleteचाँद से इतनी बातें ...कैसी कैसी बातें !
ReplyDeleteपैर में दर्द कैसा है अब ?
विभा जी समझी नहीं ....
ReplyDeleteफायेलेरिया के बारे मुझे जानकारी नहीं .....
@कल से गुदगुदी कुछ ज्यादा हो रहा है (*_*)
ये औरतें भी न जाने किस मिट्टी की बनी होतीं हैं ...
रब्ब आपको तंदरुस्ती दे .....!!
आपके स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं
ReplyDeleteबेहतरीन रचना। आपका मेरे नए पोस्ट दिन 'सुखी होगा' पर इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
ReplyDeleteNice Article sir, Keep Going on... I am really impressed by read this. Thanks for sharing with us.. Happy Independence Day 2015, Latest Government Jobs.
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