Wednesday, 29 January 2014

इस लम्हे के बदले जान कुर्बान




झंडोतोलन मौका, ये ज़िंदगी तेरी हर खता माफ 
नहीं रहा अब कोई शिकवा औ गिला तेरे खिलाफ 
तिरंगे के आगे नतमस्तक बाकी तो सब फीका
आज तक तूने जो लिया ,तेरा मेरा हिसाब साफ







11 comments:

  1. बहुत सुन्दर...जय हिन्द

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  2. अरे वाह चाची जी ,बहुत बढ़िया ............बहुत सुंदर |जय हिन्द

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  3. मुझे ये फोटोज देखकर बहुत अच्छा लगा..एक उत्साह सा मन में उठा।ये वक्त आपके लिए भी कितना सुखद रहा होगा मैं समझ सकती हूँ ..जय हिन्द

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  4. इस ब्लॉग की सब से अच्छी पोस्ट।

    सादर

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  5. अरे वाह तुस्सी भी ग्रेट हो जी..क्या बात है..

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  6. वाह, झंडा ऊँचा रहे हमारा।

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  7. झंडा ऊँचा रहे हमारा
    जय हिन्द

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  8. सुंदर ... photograps
    बसंत पंचमी कि बधाई.../मेरे भी ब्लॉग पर आये
    jai hind

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आपको कैसा लगा ... यह तो आप ही बताएगें .... !!
आपके आलोचना की बेहद जरुरत है.... ! निसंकोच लिखिए.... !!

“नगर के कोलाहल से दूर-बहुत दूर आकर, आपको कैसा लग रहा है?” “उन्नत पहाड़, चहुँओर फैली हरियाली, स्वच्छ हवा, उदासी, ऊब को छीजने के प्रयास में है...