"नजर रही वही पुरानी
दुनिया बिखर जायेगी
नजरिया बदल गया
दुनिया सँवर जायेगी
पापा आपके सेवा निवृति में अभी डेढ़ साल बाकी है। मैं यूँ गया और यूँ आया।आजाद परिंदों की रुकती नहीं परवाजे
जाते हुए कदमों से आते हुए क़दमों से
भरी रहेगी रहगुजर जो हम गए तोह कुछ नहीं
इक रास्ता है जिंदगी जो थम गए तोह कुछ नहीं
यह कदम किसी मुकाम पे जो जम गए तोह कुछ नहीं। विदेश में रहने का अवसर आसानी से कहाँ मिलता है! वेतन वृद्धि का अवसर खोना नहीं चाहता।"
"मेरे बाद भी इस दुनिया में
जिन्दा मेरा नाम रहेगा
जो भी तुझको देखेगा
तुझे मेरा लाल कहेगा
तेरे रूप में मिल जायेगा
मुझको जीवन दोबारा
–जाओ जी लो प्राण धारण अत्यधिक प्यारा!"
"पिता लू भरी दोपहरी में यह काम किया पूत के लिए छाँव ढूँढ़ने का वह वट बना।
ओझल होना ना था एक पल भी गंवारा
पिता ही साथी रहे हैं, पिता ही थे सहारा।
आज आठ साल के बाद भी पिता दिवस के दिन प्रवासी पूत का मुझ माता को विडियो कॉल आया, इतनी सुबह? अभी तो वहाँ 5 ही बजे होंगे न!"
"वहाँ तो शाम है न। मैं अन्य कॉल पर व्यस्त हो जाऊँगा। पापा से बात करवा दो। आज पापा दिवस है।"
"इकलौता बेटे का वहाँ विदेश में पिता के दर्शन से ही दिन शुरू और यहाँ शामें ख़त्म अन्धेरा शुरू।"
हा हा मुझे तो प्रवासी छोटे बेटे से फोन आते ही कहना पडा अरे हैप्पी फादर्स डे तो कह दे तो बड़ा बगल में बोल पडा पापा ने मुझसे भी सुबह सुबह बुलवाया हैप्पी फादर्स डे तू भी बोल ही दे :) :)
ReplyDelete😀🙏
Delete