अपने हिस्से का दुःख खुद झेलते हैं
खुशियों को दुसरे का मोहताज़ क्यूँ बनायें
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मिले तो रोजी
ना तो मनाए रोजा
हो ख्वाजा मर्जी ।
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मौन संपदा
रेजगारी बोलना
मान बढ़ाता ।
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लजाई डाल
गोद में नये पत्र
कपोल लाल ।
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भविष्य भाँपो
मकड़ी जाला दौरा
भ्रमित राह ।
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हर हाइकू अपने सन्देश में जीवन दर्शन समेटे हुए... काश! हमको भी लिखना आता हाइकू..!!
ReplyDeleteभाई
Deleteस्नेहाशिष
सुंदर सन्देश देते हईगा ...!
ReplyDeleteRECENT POST - आँसुओं की कीमत.
बहुत सुन्दर ...एक से बढ़कर एक
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हायकू.
ReplyDeleteनई पोस्ट : आराम बड़ी चीज है
***आपने लिखा***मैंने पढ़ा***इसे सभी पढ़ें***इस लिये आप की ये रचना दिनांक24/02/2014 यानी आने वाले इस सौमवार को को नयी पुरानी हलचल पर कुछ पंखतियों के साथ लिंक की जा रही है...आप भी आना औरों को भी बतलाना हलचल में सभी का स्वागत है।
ReplyDeleteएक मंच[mailing list] के बारे में---
एक मंच हिंदी भाषी तथा हिंदी से प्यार करने वाले सभी लोगों की ज़रूरतों पूरा करने के लिये हिंदी भाषा , साहित्य, चर्चा तथा काव्य आदी को समर्पित एक संयुक्त मंच है
इस मंच का आरंभ निश्चित रूप से व्यवस्थित और ईमानदारी पूर्वक किया गया है
उद्देश्य:
सभी हिंदी प्रेमियों को एकमंच पर लाना।
वेब जगत में हिंदी भाषा, हिंदी साहित्य को सशक्त करना
भारत व विश्व में हिंदी से सम्बन्धी गतिविधियों पर नज़र रखना और पाठकों को उनसे अवगत करते रहना.
हिंदी व देवनागरी के क्षेत्र में होने वाली खोज, अनुसन्धान इत्यादि के बारे मेंहिंदी प्रेमियों को अवगत करना.
हिंदी साहितिक सामग्री का आदान प्रदान करना।
अतः हम कह सकते हैं कि एकमंच बनाने का मुख्य उदेश्य हिंदी के साहित्यकारों व हिंदी से प्रेम करने वालों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहां उनकी लगभग सभी आवश्यक्ताएं पूरी हो सकें।
एकमंच हम सब हिंदी प्रेमियों का साझा मंच है। आप को केवल इस समुह कीअपनी किसी भी ईमेल द्वारा सदस्यता लेनी है। उसके बाद सभी सदस्यों के संदेश या रचनाएं आप के ईमेल इनबौक्स में प्राप्त करेंगे। आप इस मंच पर अपनी भाषा में विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे।
कोई भी सदस्य इस समूह को सबस्कराइब कर सकता है। सबस्कराइब के लिये
http://groups.google.com/group/ekmanch
यहां पर जाएं। या
ekmanch+subscribe@googlegroups.com
पर मेल भेजें।
[अगर आप ने अभी तक मंच की सदस्यता नहीं ली है, मेरा आप से निवेदन है कि आप मंच का सदस्य बनकर मंच को अपना स्नेह दें।]
आभारी हूँ ,बहुत बहुत धन्यवाद आपका
Deleteस्नेहाशिष
बहुत बढ़िया.
ReplyDeleteबड़े ही अर्थपूर्ण हाइकु।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteइस पोस्ट की चर्चा, शनिवार, दिनांक :- 22/02/2014 को "दुआओं का असर होता है" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1531 पर.
आभारी हूँ ,बहुत बहुत धन्यवाद आपका .....
Deleteसादर _/\_
कल 22/02/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद !
आभारी हूँ बेटे जी ...... बहुत बहुत धन्यवाद आपका ....
Deleteहार्दिक शुभकामनायें
:) बहुत सुंदर हैं की टिप्प्णी करनी पड़ रही है सिर मत पीटियेगा वाकई बहुत सुंदर हैं :)
ReplyDeletebahut sundar haaiku !
ReplyDeletenew postकिस्मत कहे या ........
New post: शिशु
rang birange ....
ReplyDeleteदेखन में छोटे लगें बात कहें गंभीर !
ReplyDeleteभावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....
ReplyDeleteएक से बढ़कर एक खुबसूरत. सुन्दर हायकू
ReplyDeletebahut achhe, prernaprad haiku.
ReplyDeleteshubhkamnayen