सब संजो कर रख ली। …....
पता नहीं फिर ऐसा पल मिले कि ना मिले .....
पता नहीं फिर ऐसा पल मिले कि ना मिले .....
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साहित्यिक मधुशाला - हाइकु कार्यशाला --हाइकू प्रतियोगिता '' मन ''---परिणाम
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समूह के सभी सदस्यों को नमस्कार। हाइकू प्रतियोगिता '' मन ''में आप सभी ने जोरदार प्रदर्शन किया ,सभी को बधाई।कुल 98 प्रविष्ठियां प्राप्त हुई हैं। .बस शतक से थोडा कम।मगर सभी एक से एक जबरदस्त कि निर्णायकों को रिजल्ट बनाने में बहुत दुविधाओं का सामना करना पड़ा.एक हाइकु को सर्वाघिक अंक 36 प्राप्त हुए.जो इस प्रतियोगिता की विजेता हाइकु रही तथा प्रतियोगिता की विजेता हैं ----
विभा श्रीवास्तव जी तथा उनका विजेता हाइकु है --
मन चेतक
नाप लेता गगन
छूता पाताल ।
विभाजी को बहुत बहुत बधाई ,निर्णायकगणों का बहुत बहुत आभार। और अरुण सिंह रुहेला जी तथा रेखा नायक रानो जी का बहुत बहुत आभार तथा उनके जज्बे को नमन।
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समूह के सभी सदस्यों को नमस्कार। हाइकू प्रतियोगिता '' मन ''में आप सभी ने जोरदार प्रदर्शन किया ,सभी को बधाई।कुल 98 प्रविष्ठियां प्राप्त हुई हैं। .बस शतक से थोडा कम।मगर सभी एक से एक जबरदस्त कि निर्णायकों को रिजल्ट बनाने में बहुत दुविधाओं का सामना करना पड़ा.एक हाइकु को सर्वाघिक अंक 36 प्राप्त हुए.जो इस प्रतियोगिता की विजेता हाइकु रही तथा प्रतियोगिता की विजेता हैं ----
विभा श्रीवास्तव जी तथा उनका विजेता हाइकु है --
मन चेतक
नाप लेता गगन
छूता पाताल ।
हार्दिक बधाई |विभा
ReplyDeleteविभा श्रीवास्तव जी ढेरों बधाई और धन्यवाद !!
ReplyDeleteवाह, गहरे जाता शब्दों का लघु चेतक।
ReplyDeleteढेरों बधाई !!
ReplyDeleteढेरों बधाई !!
ReplyDeleteढेरों बधाई !!
ReplyDeleteढेरों बधाई !!
ReplyDeleteढेरों बधाई !!
ReplyDelete............... ढेरों बधाई !!
ReplyDeleteढेरों बधाई !!
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