Monday 17 February 2014
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सुनामी
“ सुना है तुम बेहद क्रोधित हो…! समझा करो मोटा अर्थ के असामी के नख़रे उठाने ही पड़ते हैं…!” “समय के पहले से उपस्थित साहित्यकार, राजनीति के न...
-
अन्य के कार्य देखकर पीड़ित होना छोड़ दिया... कुछ पल का बचत.. एक वक्त में एक कार्य तो इश्क करना आसान किया लाल घेरे में गूढ़ाक्षरों को करे हिन...
-
"नमस्कार राष्ट्रीय संयोजक महोदय! 49897 यानी लगभग पचास हजार सदस्यों वाली आपकी संस्था अपनी 13 वीं वर्षगाँठ मना चुकी है। ५० हजार कलमकारों ...
बहुत ही बढ़िया आंटी
ReplyDeleteसादर
गहन फुहार..
ReplyDeleteवाह !
ReplyDeleteबहुत प्रभावी...
ReplyDelete