Wednesday, 26 February 2014

हाइकु { 5 / 7 / 5 }


सिक्के के दो पहलू होते हैं ......
नकारात्मक सोच नहीं रखने के बाद भी
निगाह केवल एक ही पहलू को ही क्यूँ सोचे



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2

चक्की जोहती 
खनकती चूड़ियाँ
दाल दरती ।

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3

हृदय बाग़
तितली या मक्खियाँ 
सोच निर्भर । 

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4

बढ़ती दूरी 
मित्र-प्रीत शुष्कता
बेधते हिय ।

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5

सफाई कर्मी 
आतिथेय वसंत 
पतझड़ है ।

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6

शजर रोता
आवारा पतावर
उदास होता ।

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6 comments:

  1. अनुभव से सिंचित सुन्दर हाइकु.

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  2. चक्‍की जोहती
    खनकती चूडि़या
    दाल दरती
    .....................वाह बहुत ही बढि़या

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  3. बहुत सुंदर और सार्थक हाइकू ...............

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  4. बहुत सुंदर हाइकु हैं...एक से बढ़कर एक...

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“नगर के कोलाहल से दूर-बहुत दूर आकर, आपको कैसा लग रहा है?” “उन्नत पहाड़, चहुँओर फैली हरियाली, स्वच्छ हवा, उदासी, ऊब को छीजने के प्रयास में है...