(1)
नेता दुर्वृत्त
शोहदें होशियार
शहीद ना हों
आम इंसान ,क्या हो ?
शाबाश प्रजातंत्र :((
(2)
जनता द्वारा
जनता का , के लिए
चुन लिए , तो
राजा मैं , गुलाम तू
क्यू लगा , दर्शन हो :((
(3)
भ्रम टूटा है
कुछ नहीं बदला
रिश्ते रिसते
अक्ष-कोर भीगाया
दगाबाज़ शासक :((
(4)
बहरी सत्ता
कालातीत कहानी
आखेट सजा
माँ मरी गद्दी मिली
पत्नी थामी कमान
(5)
चाल चली है
बेटे को देनी डोर
बनाया मौन
कहता ,सब ठीक
डमी(dummy) मौन नेतृत्व
(6)
ढोंगी नायक
मृत सा अहसास
खाली मुट्ठी दी
कोई बताओ क्या हो ?
क्या करूँ आवाज़ों का ?
(7)
अंतर्लापिका
जैसी स्तिथि है आज
ना धैर्य खोयें
ना युद्ध बंद करें
अंधापन दूर हो
अंतर्लापिका (वह पहेली जिसका उतर उसी में वर्तमान हो)
नेता दुर्वृत्त
शोहदें होशियार
शहीद ना हों
आम इंसान ,क्या हो ?
शाबाश प्रजातंत्र :((
(2)
जनता द्वारा
जनता का , के लिए
चुन लिए , तो
राजा मैं , गुलाम तू
क्यू लगा , दर्शन हो :((
(3)
भ्रम टूटा है
कुछ नहीं बदला
रिश्ते रिसते
अक्ष-कोर भीगाया
दगाबाज़ शासक :((
(4)
बहरी सत्ता
कालातीत कहानी
आखेट सजा
माँ मरी गद्दी मिली
पत्नी थामी कमान
(5)
चाल चली है
बेटे को देनी डोर
बनाया मौन
कहता ,सब ठीक
डमी(dummy) मौन नेतृत्व
(6)
ढोंगी नायक
मृत सा अहसास
खाली मुट्ठी दी
कोई बताओ क्या हो ?
क्या करूँ आवाज़ों का ?
(7)
अंतर्लापिका
जैसी स्तिथि है आज
ना धैर्य खोयें
ना युद्ध बंद करें
अंधापन दूर हो
अंतर्लापिका (वह पहेली जिसका उतर उसी में वर्तमान हो)
(8)
एक सन्यासी
मानता रहा स्त्री का
एक ही रूप
माँ का ईश्वर जैसा
क्रन्तिकारी –न्यासी
मानता रहा स्त्री का
एक ही रूप
माँ का ईश्वर जैसा
क्रन्तिकारी –न्यासी
(9)
हिम्मत करो
बनों उस के जैसा
सुधरों ख़ुद
बदलों जग ,देश
ऋणमुक्त हो जाओ
बनों उस के जैसा
सुधरों ख़ुद
बदलों जग ,देश
ऋणमुक्त हो जाओ
जनता द्वारा
ReplyDeleteजनता का , के लिए
चुन लिए , तो
राजा मैं , गुलाम तू
क्यू लगा , दर्शन हो,,,,
राजा बनने के लिए सिर्फ चुनाव जीतना ही मापदंड है,जीतने के बाद ५ साल के राजगद्दी
सुरक्षित,,,,
recent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...
बहुत खुबसूरत है .मकर संक्रांति कि शुभकामनाएं
ReplyDeleteNew post: कुछ पता नहीं !!!
New post : दो शहीद
Lajawab!
ReplyDeleteHappy Makar Sankranti, Lohri and Pongal....!
सुंदर अर्थपूर्ण तान्कें.
ReplyDeleteलोहड़ी, पोंगल, मकर संक्रांति और बिहू की बधाइयाँ.
बहुत सही लिखी हैं आंटी
ReplyDeleteसादर
सुधरों ख़ुद
ReplyDeleteबदलों जग ,देश
ऋणमुक्त हो जाओ ... aahwaan hai
.एक से बढ़कर एक. बहुत बढि़या..
ReplyDeleteहिम्मत करो
ReplyDeleteबनों उस के जैसा
सुधरों ख़ुद
बदलों जग ,देश
ऋणमुक्त हो जाओ
...............बहुत खुबसूरत