युवराज के ताजपोशी की
तैयारी शुरू होने पर है
होशियार में से
होशियार में से
हो भी निकला हुआ है
ना पत्नी है ना बेटी ,
ना पत्नी है ना बेटी ,
दर्द वो क्या जानेगा :(
मुन्ना को मिला झुनझुना समझा करो ...........
मुन्ना को मिला झुनझुना समझा करो ...........
जब लगने लगा ,
इंतजार खत्म होने पर है
बेटी की मौत - शहीद की
बेटी की मौत - शहीद की
कुर्बानी रंग लाने पर है
दिग्गजों में उठा-पटक
दिग्गजों में उठा-पटक
क्या गुल खिलाने पर है
अब तक जो होता आया है
अब तक जो होता आया है
वही होता रहेगा बुझा करो ..........
सबकी निगाह
फास्ट ट्रैक कोर्ट पर है
कुछ नहीं सोच-समझ में ,
कुछ नहीं सोच-समझ में ,
कठोर कानून कब बनेगा
क्या होगा शहीदों के
क्या होगा शहीदों के
मान-सम्मान का , आतंकित है मन
कब कब कब ,कितना ,
कब कब कब ,कितना ,
कौन जानता है ,साँझा करो ................
खुदा की लाठी बे-भाव पड़ेगी ,
दम निकाल के छोड़ेगी ,
हम ये क्यूँ इंतज़ार करें ,
हम ये क्यूँ इंतज़ार करें ,
छोड़ो खुद की बातें ,
बातें प्यार की ,
जुटाओ हिम्मत ,
करो इन्कलाब की बातें ,
एक जलियावाला बाग
तब बना था ,एक हम बना दें ,
उनकी आत्मा को झंझकोर कर ,
अपनी-अपनी कर-कलम पर माँझा करो ......
सटीक,बेहतरीन अभिव्यक्ति...
ReplyDeleterecent post : बस्तर-बाला,,,
नियम है
ReplyDeleteराजा का बेटा ही राजा बनता है
सबकी निगाह
ReplyDeleteफास्ट ट्रैक कोर्ट पर है
कुछ नहीं सोच-समझ में ,
कठोर कानून कब बनेगा
क्या होगा शहीदों के
मान-सम्मान का , आतंकित है मन .... आतंकित मन होना स्वाभाविक है
behtreen aur sarthak abhivaykti....
ReplyDeleteभाव अच्छे लगे।
ReplyDeleteबहुत बहुत बढ़िया......
ReplyDeleteसुन्दर भाव. लाठी से क्रान्ति ठीक नहीं पर कलम से क्रांति की ही जरूरत है.
ReplyDeleteअपनी-अपनी कर-कलम पर माँझा करो ......bahot acchche......
ReplyDeleteवाह: बहुत बहुत बढ़िया......
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति...
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