Sunday 12 October 2014
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सुनामी
“ सुना है तुम बेहद क्रोधित हो…! समझा करो मोटा अर्थ के असामी के नख़रे उठाने ही पड़ते हैं…!” “समय के पहले से उपस्थित साहित्यकार, राजनीति के न...
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अन्य के कार्य देखकर पीड़ित होना छोड़ दिया... कुछ पल का बचत.. एक वक्त में एक कार्य तो इश्क करना आसान किया लाल घेरे में गूढ़ाक्षरों को करे हिन...
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"नमस्कार राष्ट्रीय संयोजक महोदय! 49897 यानी लगभग पचास हजार सदस्यों वाली आपकी संस्था अपनी 13 वीं वर्षगाँठ मना चुकी है। ५० हजार कलमकारों ...
बहुत बढ़िया !
ReplyDeleteसाजन नखलिस्तान
बहुत बढिया आपने बहुत खुब लिख हैँ। आज मैँ भी अपने मन की आवाज शब्दो मेँ बाँधने का प्रयास किया प्लिज यहाँ आकर अपनी राय देकर मेरा होसला बढाये
ReplyDeleteबहुत सुंदर हायकू.
ReplyDeleteमुझे बहुत अच्छा लगा
ReplyDeleteआपका आँगन गूँजेगा पक्षियो की चहचाहाट से
बहुत सुन्दर दी ...सादर नमस्ते
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति। कम शब्दों में गहरे अर्थों को संजोये।
ReplyDeleteगहरे अर्थ लिए छोटे छोटे शब्द ... लाजवाब हाइकू रोशनी लिए ...
ReplyDeletegagar me sagar ......
ReplyDeleteदीपावली का अर्थ लिए हुए सुन्दर हाइकू ....
ReplyDeleteबहुत सुंदर
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