Monday, 7 December 2015
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आखिर क्यों...
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आज " पापा " की पुण्यतिथि है.... :(:( मन बहुत ही उदास है.... :( लेकिन क्यों.... ? उनकी जिन्दगी में मै अपने किसी कर्तव्य को...
जय मां हाटेशवरी....
ReplyDeleteआप ने लिखा...
कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
दिनांक 09/12/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की जा रही है...
इस हलचल में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
कुलदीप ठाकुर...
शुभ प्रभात
Deleteसस्नेहाशीष
शुक्रिया पुतर् जी
शुभ प्रभात
Deleteसस्नेहाशीष
शुक्रिया पुतर् जी
बहुत अच्छी सोच है ...अग्रिम बधाई!
ReplyDeleteबधाई!
ReplyDeleteप्यारी दीदी
ReplyDeleteनमन
शुभ कामनाएँ
सादर
बधाई और मंगल कामना
ReplyDeletebadhai w shubhkamnayen
ReplyDeleteआदरणीय विभा रानी श्रीवास्तव दीदी बधाई आप को पुस्तक प्रकाशन के लिए.
ReplyDeleteपुस्तक प्रकाशन के लिए बधाई
ReplyDeleteसच है की जिनकी सोच इस्लाम के बारे मैं गंदी है
ReplyDeleteवो हमेशा अपनी गंदी सोच का ही प्रमाण देगा ।।
इनका मुद्दा हमेशा से इस्लाम को नीचा दिखाना और
ईस्लाम का नेगेटिव प्रमोशन करना ही है ।
दुनिया जानती है की मुसलमानों के दिलो में
पैगंबर मुहम्मद (सल्ल.) की क्या इज़्ज़त क्या रुतबा है
जिनको खुदा ने सारी इंसानियत के लिए शांति और
अमन का दूत बनाकर कर भेजा था उनकी शान में
बार बार गुस्ताखी करना किस बहादुरी का नाम..
पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) के खिलाफ़ की गई टिप्पणी देश का
वातावरण बिगाड़ने का प्रयास है .जो गन्दी मानसिकता दर्शाती है
अभिव्यक्ति की आज़ादी की बात करने वालो ।।
आज़ादी का ये मतलब नही के किसी भी धर्म की आस्था
को ठेंस पहुंचाई जाए आज़ादी तो यह है के सच को सच
लिखा जाए बोला जाए।
अगर दम है तो इजराइल के ज़ुल्मो की दास्ताँ बारे में बोलो ।।
अगर दम है तो मज़लूमो की चीख पुकार के बारे में आवाज उठाओ।।
अगर शर्म है तो सीरिया के हालात के बारे में बोलो ।।
अगर इंसानियत है तो अमरीका के बर्बरता इराक़ पर बोलो ।।
अगर दिल है तो फलस्तीन की माओं का दर्द सुनाओ ।।
अगर दर्द है तो गुजरात आसाम के किस्से ब्यान करो ।।
यह है अभिव्यक्ति की आज़ादी..
किसी धर्म के बारे मैं गलत भाषा इस्तेमाल करना नहीं
।
लेकिन यह जो दोहरी मानसिकता के लोग है वो एक तरफ़ा ही बोलते लिखते थे
और बोलते लिखते रहेंगे लेकिन सच कभी नही बोलेंगे ।।
विभा जी, बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteआपको सपरिवार नववर्ष की शुभकामनाएं...HAPPY NEW YEAR 2016...
Deleteबधाई! ho vibha ji
ReplyDeleteOnlineGatha Team
पुस्तकों के प्रकाशन के लिए हार्दिेक बधाई...विभा जी।
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