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शांति का शोर
“अब तक प्रकाशित ५० अंकों की चुनिंदा रचनाओं के संकलन को अनेक पाठकों ने पसंद किया है तथा इसकी मुद्रित प्रति को उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया ...
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अन्य के कार्य देखकर पीड़ित होना छोड़ दिया... कुछ पल का बचत.. एक वक्त में एक कार्य तो इश्क करना आसान किया लाल घेरे में गूढ़ाक्षरों को करे हिन...
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मेरे देवर का बेटा तीन दिन से दुर्घटनाग्रस्त होकर गहन चिकित्सा विभाग में भर्ती था। आज लगभग साढ़े चार बजे हम पुनः गहन चिकित्सा विभाग के सामने...
वाह क्या बात है दी शानदार सृजन।
ReplyDeleteअरे वाह ताई जी क्या बात कही है
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 01 जनवरी 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबढ़िया
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