माँ क्या होती है?
–जानने को मिला
अनसूया की कथा पढ़!
त्रिदेव जिस वजह से
शिशु बने हों!
मेरी माँ अनसूया सी थी..
–जानने को मिला
गाय बहुला की कथा पढ़
मोह में कृष्ण सिंह बने हों!
मेरी माँ बहुला सी थी..
–जानने को मिला
कृष्ण को ओखल से बाँध
धारा-धार रोती...,
गर्भनाल की ही जो बात होती
माता यशोदा-धाय पन्ना की
बात नहीं होती।
मेरी माँ यशोदा सी थी..
–जानने को मिला
गिरजाघर में ईशा की शांति में
माँ मरियम की सौम्य मूर्ति में
'मेरी माँ मरियम सी थी!'
–जानने को मिला
गाय-तेंदुआ की कथा पढ़!
माँ बस माँ होती है
मेरी माँ प्रत्येक माँ सी थी..
माँ क्या होती है?
होती है क्या माँ!
बिन माँ बने ,जान पाना
कहाँ आसान होता है...,
मैं माँ सी तो हूँ!
तो जानती हूँ
माँ मुझ सी ही होती है..
आपके कितने बच्चे हो गए होंगे?
माया का प्रश्न
बेहद कौतूहलवश था।
प्रीति, एकता, बुचिया, बिटिया,
शाइस्ता , प्रियंका,
मुनिया, चुनिया, बिट्टू,
अभिलाष, रवि, आदर्श, सन्दीप,
राहुल, संजय, रब्बान, आदर्श,
प्रभास , हिमांशु, विष्णु, उपेंद्र...,
"हा हा हा! बस! बस! रहने दें माँ...
बहू होने के पहले जान गई थी
मैं रानी बेटी बनते हुए...
एक के आगे शून्य बढ़ाते जाना है,
माँ का आँचल आकाश सा होना है।"
क्या इस कोरोना काल में
माँ का आँचल आकाश सा है।
सस्नेहाशीष व शुभकामनाओं के संग हार्दिक आपका पुत्तर जी
ReplyDeleteमाँ के आँचल के सामने शायद आकाश भी छोटा है। नमन।
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