Saturday 12 March 2022

'उऋण'


"तुझे चूहा कुतर देता तो दीमक तुम्हारे पन्ने को भुरभुरा कर देता। मेरी तीखी आँच तुम सह नहीं पाती। फिर ऐसा क्या है जो तुम पुनः-पुनः सज जाती रही?" वक्त ने पुस्तक से पूछा।

"इसका उत्तर तो सुल्तान जैनुल आबिदीन से लेकर योगराज प्रभाकर जैसे सिरफिरे दे सकते हैं। अरे! तू तो सब बातों का गवाह रहा है!'

"अच्छा ये बता तू किस-किस किस्से के दर्ज होने से खुश हुई?"

"–चीन के अलादीन के चिराग का भारत के नयी पीढ़ी से तुलना कर देने वाली कथाओं..,

–हार की जीत' से। बाबा भारती कुछ देर तक चुप रहे और कुछ समय पश्चात् कुछ निश्चय करके पूरे बल से चिल्लाकर बोले, "ज़रा ठहर जाओ।" खड़गसिंह ने यह आवाज़ सुनकर घोड़ा रोक लिया और उसकी गरदन पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा, "बाबाजी, यह घोड़ा अब न दूँगा"

–मुलक्करम' तो मर गया परन्तु ब्रेस्ट टैक्स ऑन दी साइज ऑफ दी ब्रेस्ट के चक्कर का अन्त करने के लिए जो 'नंगेली' शहीद हुई। उसके साथ चिरुकनन्दन के इकलौता सती होने का किस्सा जब दर्ज हुआ।"

 –राजा जाम दिग्विजयसिंह जाडेजा द्वारा पोलेंड के 500 शरणार्थी पोलिश महिलाओं और 200 बच्चों से भरे जहाज को शरण देना। तुम तो जानते हो उनके संविधान के अनुसार जाम दिग्विजयसिंह उनके लिए ईश्वर के समान है..,"

"इसलिए यूक्रेन से निकले भारत के लोगों को बिना बीजा पौलेंड शरण दे रहा है...! अगले सौ-दो सौ साल तक यह किस्से दोहराए जाते रहेंगे और बार-बार दोहराता मैं और तुम इसका गवाही देते रहेंगे।"

12 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज रविवार (१३ -०३ -२०२२ ) को
    'प्रेम ...'(चर्चा अंक-४३६८)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  2. कमाल का संवाद।

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  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर सोमवार 14 मार्च 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  4. संवाद के जरिए सुंदर प्रस्तुति।
    सुंदर।

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  5. सुंदर, सराहनीय सृजन ।

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  6. सुंदर प्रस्तुति

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  7. बहुत सुंदर संवाद।

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  8. सुंदर प्रस्तुति

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