आपके जीवन में सब रंग मिले..
मित्र के हाथ
उपहारों से भरे
अबीर झोली
रिश्तों में दरार डालता कौन है
हद में स्याही जज्बे से पौन है
बौर का कहीं और ठिकाना
क्यों कोयल कहीं और मौन है
°°
लेखन और तस्वीर खींचना जुनून है
“बड़े मामा! बड़े मामा! बुआ नानी बता रही थीं कि मझले नाना कुँआ में घुसकर नहाते थे! इस कुँआ को देखकर तो ऐसा नहीं लगता इसमें कभी पानी भी रहा हो...
होली शुभ हो।
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