आपके जीवन में सब रंग मिले..
मित्र के हाथ
उपहारों से भरे
अबीर झोली
रिश्तों में दरार डालता कौन है
हद में स्याही जज्बे से पौन है
बौर का कहीं और ठिकाना
क्यों कोयल कहीं और मौन है
°°
लेखन और तस्वीर खींचना जुनून है
“इस माह का भी आख़री रविवार और हमारे इस बार के परदेश प्रवास के लिए भी आख़री रविवार, कवयित्री ने प्रस्ताव रखा है, उस दिन हमलोग एक आयोजन में चल...
होली शुभ हो।
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