आपके जीवन में सब रंग मिले..
मित्र के हाथ
उपहारों से भरे
अबीर झोली
रिश्तों में दरार डालता कौन है
हद में स्याही जज्बे से पौन है
बौर का कहीं और ठिकाना
क्यों कोयल कहीं और मौन है
°°
लेखन और तस्वीर खींचना जुनून है
अन्तर्कथा “ख़ुद से ख़ुद को पुनः क़ैद कर लेना कैसा लग रहा है?” “माँ! क्या आप भी जले पर नमक छिड़कने आई हैं?” “तो और क्या करूँ? दोषी होते हुए भ...
होली शुभ हो।
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