Friday, 18 March 2022

पसन्द अपनी-अपनी

आपके जीवन में सब रंग मिले..

मित्र के हाथ

उपहारों से भरे

अबीर झोली


रिश्तों में दरार डालता कौन है

हद में स्याही जज्बे से पौन है

बौर का कहीं और ठिकाना

क्यों कोयल कहीं और मौन है

°°

लेखन और तस्वीर खींचना जुनून है

 

2 comments:

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“नगर के कोलाहल से दूर-बहुत दूर आकर, आपको कैसा लग रहा है?” “उन्नत पहाड़, चहुँओर फैली हरियाली, स्वच्छ हवा, उदासी, ऊब को छीजने के प्रयास में है...