अगर किसी विधा में मशीनगन चलाने की इच्छा हो ही जाए तो बकवास करने वाले को रोकना बकवास ही होगा क्या?
मद मर्दनMonday, 17 April 2023
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प्रघटना
“इस माह का भी आख़री रविवार और हमारे इस बार के परदेश प्रवास के लिए भी आख़री रविवार, कवयित्री ने प्रस्ताव रखा है, उस दिन हमलोग एक आयोजन में चल...
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“हाइकु की तरह अनुभव के एक क्षण को वर्तमान काल में दर्शाया गया चित्र लघुकथा है।” यों तो किसी भी विधा को ठीक - ठीक परिभाषित करना ...
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आखिर कहाँ से आया 'लिट्टी-चोखा' और कैसे बन गया बिहार की पहचान.... लिट्टी चोखा का इतिहास रामायण में वर्णित है। ये संतो का भोजन होता था...
वैसे बकवास को बकवास ही काटेगी :)
ReplyDelete😀जी🙏
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