Saturday, 9 June 2012

 संप्रेषण  , केवल  शब्दों  से  नहीं  होता  ,
           जिस  तरह  से शब्द  बोले  जाते  हैं  ,
    चेहरे के  भाव  से भी  संप्रेषण होता है…. !!

4 comments:

  1. जिस तरह के शब्द सोचे जाते हैं , वह चेहरे पर उसी भाव के साथ अंकित होता है ... अति साधारण चेहरा सोच से सुंदर और अति सुंदर चेहरा सोच से कुरूप होता है , दीखता है

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  2. बहुत सही कहा.....

    सादर.

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  3. सच कह्र रही है सम्प्रेषण के लिये शब्दों के अलावा बॉडी लैंगुअज बहुत कुछ कह जाती है.

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“नगर के कोलाहल से दूर-बहुत दूर आकर, आपको कैसा लग रहा है?” “उन्नत पहाड़, चहुँओर फैली हरियाली, स्वच्छ हवा, उदासी, ऊब को छीजने के प्रयास में है...