पथ पै गड्ढ़े-
तम में बाँह खींचे
गुरु भुवेश ।
मेरा पहली बार अमेरिका आना हुआ या यूँ कहें तो पहली विदेश यात्रा। नेपाल बिहार से सटा है, उसके कई शहरों में आना-जाना हुआ तो वहाँ जाना विदेश जाना कभी लगा नहीं।
रिक्शा-बस-गाड़ी से विदेश थोड़े न जाते हैं। जब तक गगन छूने का एहसास ना हो... काले/भूरे पहाड़ पर श्वेत चादरें ना बिछी दिखे ,उसके पास समुन्दर छूटकी लगे और रेत की आँधी भी संग हो।
दिसम्बर 2020 में सेन होस आते ही जानकारी मिली कि फरवरी 2020 में रानी बेटी (विभा रानी की बेटी) ह्यूस्टन जाने वाली है भजन कार्यक्रम में। उसकी तैयारी में, लगन से लगी, दिखी भी। घर में चर्चा हुई कि वो अकेली जाए या पूरा परिवार जाए। पूरा परिवार संग होना चाहिए हर पल। (यह दिखा भी गुरु माँ , गुरु जी उनकी दोनों बेटियों और बेटे को एक मंच पर देखकर.. बेहद खुशी हुई)। नियत तिथि पर हम कार्यक्रम में उपस्थित हुए। नमन गुरु जी को जो सारे प्रतिभागियों को 'एक सा मान' दिए। मंच पर एक साथ सत्तर साल के बुजुर्ग भी थे तो लगभग दस साल का बालक भी। शायद सभी धर्म के लोगों को भी एक साथ का मौका था। यह आज के समय के लिए बड़ी उपलब्धि लगी।
अपनी बेटियों को अंत तक में मौका देना गुरु के प्रति सम्मान बढ़ाया तो सबके साथ शुरू से अंत तक हारमोनियम से संग बना रहना पूजनीय बनाया।
और सबसे बड़ी बात जो मुझे लगी Skype द्वारा अन्य दूसरे देशों के नागरिक को प्रतिभागी बनने का मौका देना। सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुति अद्धभुत थी।
श्री नूर अली मोमिन जी का अपने गाने के बाद रो पड़ना मैं समझ सकती हूँ, जब माया शेनॉय श्रीवास्तव के गाने के बाद मेरे बगल में बैठे दम्पत्ति ने एक साथ कहा ,-"सी सिंगिंग वेरी वेल" तो मेरे आँखों से भी आँसू निकल पड़े और मेरा गला भर्रा गया। मंच संचालक, गुरु जी और गुरु माँ का कहना कि आपलोगों का सपोर्ट करना बड़ी बात है ही आपके दामाद , हमें मजबूरी में कहना पड़ा कि माया हमारी बहू है...। बहू को बेटी सी कहना आसान होता है, बहू को इंसान समझना मुश्किल होता है। हम कोशिश करते हैं कि अपनी बहू को इंसान समझ सकें।
Live करने की अनुमति नहीं मिलना थोड़ा खला... इसपर गुरु जी को पुनः विचार करना चाहिए
हम विश्व के किसी कोने में कहीं कोई काम कर रहे हैं तो उसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए.. विधा के हित में ही होता है
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 19 फरवरी 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteसस्नेहाशीष व असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार छोटी बहना
Deleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 20.02.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3617 में दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
हार्दिक आभार आपका
Deleteबहुत बढ़िया .......लाइव नहीं तो कोई बात नहीं आप साक्षी रहीं न ,ये भी बहुत अच्छा है
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