Subscribe to:
Post Comments (Atom)
काली घटा
“ क्या देशव्यापी ठप हो जाने जाने से निदान मिल जाता है?” रवि ने पूछा! कुछ ही दिनों पहले रवि की माँ बेहद गम्भीररूप से बीमार पड़ी थीं। कुछ दिनो...
-
“हाइकु की तरह अनुभव के एक क्षण को वर्तमान काल में दर्शाया गया चित्र लघुकथा है।” यों तो किसी भी विधा को ठीक - ठीक परिभाषित करना ...
-
अन्य के कार्य देखकर पीड़ित होना छोड़ दिया... कुछ पल का बचत.. एक वक्त में एक कार्य तो इश्क करना आसान किया लाल घेरे में गूढ़ाक्षरों को करे हिन...
हार्दिक आभार भाई आपका
ReplyDeleteवाह!! बेहतरीन पंक्तियां "काश रिश्तो में आए पतझड़ के पत्तों सी आई सिकुड़न को भी है उबलते पानी पर चलनी में रख कर भाप से सीधे किए जा सकते...👌 यूँ प्रतीत हो रहा है कि यह पंक्तियां कवि के कोमल मन से गुजरकर कागज के पन्नों पर उकेर दी गई हो. आश्चर्यचकित हो जाती है कभी-कभी कि हम इंसान कितने आशावान होते हैं रिश्तो के खत्म होने के बाद में फिर से उस रिश्ते को जीवंत करने की पूरी कोशिश करते हैं छोटी सी पंक्तियों में आपने बहुत बड़ा संदेश दे डाला बहुत ही अच्छा लिखा आपने बधाई...🙏🙏
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आपका
Deleteवाह दी बहुत अच्छी पंक्तियाँ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर पंक्तियाँ
ReplyDelete