Thursday 12 November 2020

प्रदूषण

"मैं तुम्हें मुर्ग बनाकर रखने के लिए बोला था यह क्या घास-फूस उबाल कर रख दी हो?" पति के दहाड़ने की आवाज गूँजी।

"हल्की सर्दी और लगातार बारिश होने के कारण मैं लाने नहीं जा सकी और सारे स्टाफ को आप..," पत्नी मिमियाते हुए बात रखने की कोशिश कर रही थी।

"बन्द करो बकवास..! मुझे मुर्ग खाना है तो मुर्ग खाना है.., ऑर्डर कर मंगवाओ, तब तक मैं उद्घाटन कर आता हूँ!

 Good Morning, Good Evening, Good Afternoon, wherever you are, and whichever applies.! 

चूँकि भारत के समय से अमेरिका-लन्दन के समय में अंतर है। हमारे लिए यह गर्व का विषय है कि हम अपने उद्योग के विस्तार हेतु विदेशों में शाखाएँ स्थापित कर रहे हैं।"

भोजन मेज पर ही लैपटॉप पर वर्चुअल गोष्ठी में लक्ष्मी-गणेश पूजा और शाखा उद्घाटन समाप्त कर,  मुर्ग खाने के बाद चौसर पर बैठे महाप्रन्धक थोड़े अधिक नशे में थे।

बिना हॉल में गए , बिना टिकट कटवाए देखे गए फिल्म की चर्चा विदेशों में शोर मचाने वाली थी। महाप्रबन्ध का स्टॉफ वर्चुअल गोष्ठी का रिकार्डिंग टीवी पर चला रहा था और महाप्रन्धक का नशा उतर रहा था।



4 comments:

  1. बहुत सार्थक।
    धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ आपको।

    ReplyDelete
    Replies
    1. वन्दन के संग हार्दिक आभार आपका

      Delete
  2. बढ़िया। शुभकामनाएं सपरिवार दीप पर्व पर।

    ReplyDelete
    Replies
    1. वन्दन के संग हार्दिक आभार आपका

      Delete

आपको कैसा लगा ... यह तो आप ही बताएगें .... !!
आपके आलोचना की बेहद जरुरत है.... ! निसंकोच लिखिए.... !!

शिकस्त की शिकस्तगी

“नभ की उदासी काले मेघ में झलकता है ताई जी! आपको मनु की सूरत देखकर उसके दर्द का पता नहीं चल रहा है?” “तुम ऐसा कैसे कह सकते हो, मैं माँ होकर अ...