Friday 4 June 2021

नंगा सत्य वीभत्स है..! ..

तौलिए से सर ढँक

दुपट्टे का आवरण चढ़ा

मास्क लगा, चश्मा पहन

केहुनी तक दस्ताने मढ़ा।

देवरानी को बताई बाजार जाने का हुलिया

उसने कहा याद दिला गया

सबसे ज्यादा आपने ही घूँघट किया।

ट्रेन में हम जब चलते थे तो जेठ जी को

दूसरे डिब्बे का टिकट कटवाने का आदेश मिलता।

वर्ष गुजर जाते हैं यादें क्यों नहीं मिटाया जाता!

बिटिया का व्हाट्सएप्प सन्देश आया, "प्रणाम माँ! आप सब कैसे हैं?"

मैंने उसे बताया, "सस्नेहाशीष व असीम शुभकामनाओं संग शुभ दिवस बिटिया

तुम्हारे पापा कहते हैं कि वे बिलकुल ठीक हैं ...

मेरी तबीयत का वही हाल है... सुबह बिलकुल ठीक रहती हूँ तो कभी दोपहर कभी शाम कभी रात किसी एक समय गड़बड़ लगने लगती है .. तुम्हारे पापा का कहना है मुझ पर मौत-बीमारी की खबर असर करती है... खबरों से बचकर रहना है..

मुझे भी अब यही लगने लगा है पर फिक्रमंद हूँ कैसे बचना है...

बिटिया :- "बिल्कुल सही कहते हैं पापा। बहुत परिचितों का ऐसा ही कहना है। आप अति संवेदनशील हैं, न्यूज चैनल फेसबुक से दूर रहिए।"

मैं :- "शायद मैं कमजोर योद्धा हूँ। सबसे दूर रहने का सुझाव यानि मगरूर रहिए...। ना द्वैत ना अद्वैत हो अहम में चूर रहिए।"


4 comments:

  1. नंगा हो गया है वीभत्स भी। "सत्य" उसके साथ जुड़ा जरूर है पर अच्छा नहीं लग रहा है। योद्धा हैं ना। रणछोड़ तो नहीं।

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  2. कोरोना ने केवल शरीर पर ही नहीं, मन पर हमला किया है दी। अतिसंवेदनशील लोगों को लोग चाहे कमजोर योद्धा कह लें परंतु समाज में मनुष्यता को जीवित रखने के लिए यही अतिसंवेदनशील लोग काम आते हैं। मैं भी आप के जैसी ही हूँ,या यूँ कहिए कि इन दिनों ज्यादा हो गई हूँ कोई बुरी खबर देख पढ़ लूँ तो कई कई दिन तक मन सुन्न सा हो जाता है।

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  3. कमजोर योद्धा है तो क्या हुआ लड़ाई तो जारी है,हाँ सिर्फ खबरों से रूबरू रहने से अच्छा है दुआ में हाथ उठे रहे,ना कुछ करने से कुछ तो करने का सुख जरूर मिलेगा। सादर नमन दी

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  4. मैं तो इसे उम्र का असर मान रही हूँ और कमजोर यौद्धा कहकर सब नसीहत में चार बातें सुना देते हैं...और साथ ही जीवन भर की लापरवाही का आरोप भी सर पर मढ़ चुके...
    खैर.....पहले जैसा शरीर तो रहा नहीं जो खुद्दारी में वीर यौद्धा बन जायें...बस सहकर डबल मास्क में दम घुट जी रहें हैं।

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मनाजीताभ

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