वृद्ध दिवस–
कमरों में पसरा
मकड़जाल।
जीवंत वृद्ध से मिलना कोई नहीं चाहता,
पुण्यतिथि की बेसब्री से प्रतीक्षा होती..।
क्या शीर्षक : ‘पूत का पाँव पालने में’ या ‘भंवर’ ज़्यादा सटीक होता? “ज्येष्ठ में शादी के लिए मैं इसलिए तैयार हुआ था कि ‘एक पंथ -दो लक्ष्य’ ब...
और मकड़ियां मस्त। सच है।
ReplyDeleteबहुत खूब !!!
ReplyDeleteसही कहा आपने...।जीते जी सेवा करें वृद्धों की
ReplyDeleteपुण्यतिथि की क्या जरूरत।